इस्लामाबाद: भारत और अफगानिस्तान से पाकिस्तान के बेहद खराब रिश्तों के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वे पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं. शपथ लेने के बाद पहली बार देश को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा, ''विदेश नीति पर कहना चाहते हैं कि हम सभी पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं. जरूरत शांति की है, इसके बिना हम पाकिस्तान की स्थिति नहीं सुधार सकते.''


सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर्स की फायरिंग और आतंकवादी घटना को अंजाम देने और आतंकवादियों को शरण देने जैसे मसलों की वजह से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते काफी तल्खी भरे रहे हैं. पूर्ववर्ती पीएमएल (एन) की सरकार में ये तल्खी और बढ़ी. पाकिस्तान लगातार चीन के साथ रहा. हालांकि इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद अब भारत के प्रति उनके रुख का इंतजार है.


पाकिस्तान चुनाव में पीटीआई के सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरान खान को फोन कर जीत की बधाई दी थी और द्विपक्षीय रिश्तों में नए अध्याय की शुरुआत की उम्मीद जताई थी. खान ने भी प्रधानमंत्री को बधाई के लिए थैंक्यू कहा था. इससे पहले 26 जुलाई को इमरान खान ने जीत के बाद भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर कहा था कि भारत एक कदम बढ़ाएगा तो पाकिस्तान दो कदम बढ़ाएगा. भारत के साथ अच्छे संबंध के साथ भारत के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्ते चाहते हैं.


ABP एक्सक्लूसिवः सिद्धू ने दी सफाई, गुरू नानक देव के नाम पर जनरल बाजवा से गले मिलने को सही ठहराया


हालांकि पाकिस्तान में चुनाव प्रचार के दौरान इमरान खान लगातार भारत खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते नजर आए थे. भारत में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इमरान खान के शासनकाल में भी रिश्ते सुधरने की उम्मीद कम है. इसकी बड़ी वजह इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के बीच नजदीकी है. पाकिस्तानी सेना कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए जानी जाती है. आपको बता दें कि पूर्ववर्ती पीएमएल (एन) की सरकार के दौरान भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद खराब रहे थे.