Pakistan Crisis: आर्थिक एवं राजनैतिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) में अगले कुछ महीनों में चुनाव कराए जा सकते हैं. यहां सैन्य-हस्तक्षेप के सहारे विपक्षी दलों ने सालभर पहले ही इमरान खान (Imran Khan) की अगुवाई वाली सरकार गिरा दी थी. उसके बाद नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) कई दलों के समर्थन से सत्ता में आए और वजीर-ए-आजम बन गए.
अब पाकिस्तान के जो भयावह हालात हैं, उन्हें देखते हुए सियासत के जानकार आशंका जता रहे हैं कि पाकिस्तान में मार्शल लॉ लागू हो सकता है. इसका मतलब है- मुल्क की बागडोर सेना के हाथों में होना. इमरान खान, जो कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष हैं, और अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे थे, वे बहुत-से आपराधिक मामलों में आरोपी बना दिए गए हैं. उन्हें कभी भी जेल हो सकती है. उनके खिलाफ 60 से ज्यादा केसेस चल रहे हैं, वहीं उनके सहयोगियों को सलाखों के पीछे भेजा रहा है.
पूर्व प्रधानमंत्री ने बोला मौजूदा हुकूमत पर हमला
इमरान का कहना है कि मौजूदा हुकूमत ने पाकिस्तानी अवाम को खून के आंसू रुला दिया है, पाकिस्तान में महंगाई ने दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार नाममात्र का बचा है, पाकिस्तान को विदेशी कर्ज भी नहीं मिल रहा है जिससे कि उसकी अर्थव्यवस्था पटरी पर लाई जा सके. इमरान कहते हैं कि शहबाज हुकूमत आजादी छीन रही है, वे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के कार्यकर्ताओं को जेलों में ठूंस रहे हैं. इससे पहले इमरान ने पिछले दिनों हुकूमत और सेना पर अपने कार्यकर्ता की हत्या करने का भी आरोप लगा दिया था.
मॉर्शल लॉ की संभावना पर बोले पीटीआई प्रमुख
पाकिस्तान के जियो न्यूज के मुताबिक, इमरान खान ने पाकिस्तान में मार्शल लॉ की संभावना को लेकर इंटरव्यू दिया है. उस इंटरव्यू में इमरान खान ने मार्शल लॉ की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि सैन्य शासन यह निर्धारित करने के बाद लगाया जाता है कि अवाम उसे स्वीकार करेगी या नहीं. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, "अगर अवाम आपके साथ नहीं है, तो आप मार्शल लॉ कैसे लगा सकते हैं."
इमरान खान ने कहा कि अगर 90 दिनों के भीतर चुनाव नहीं हुए तो वे अब किसी भी संविधान का पालन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, "अगर संविधान नहीं, तो कोई मुल्क भी नहीं है.," पीटीआई प्रमुख ने कहा कि उनके विरोधी उनकी पार्टी के कमजोर होने या उनकी गिरफ्तारी या ''हत्या'' का इंतजार कर रहे हैं.
इमरान ने कहा- अब लोगों में जागरूकता आई है
खान ने कहा, "स्थिति बहुत खराब है और माफिया संयुक्त रूप से अपने निजी हितों के लिए न्यायपालिका को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं." पूर्व प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मुल्क में मानवाधिकारों की भेंट चढ़ रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करती है और उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार करती है. उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता आई है और अब स्थिति से खिलवाड़ करना संभव नहीं है.
'हम सत्ता में थे तो अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा था'
पिछले 30 वर्षों के दौरान सत्तारूढ़ गठबंधन दलों की पूर्व सरकारों की बात करते हुए, खान ने कहा कि पिछली सरकारों में पाकिस्तान आर्थिक रूप से पिछड़ गया जबकि भारत और बांग्लादेश ने प्रगति की. खान ने कहा कि जब पाकिस्तान में हम सत्ता में थे तो अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा था, लेकिन दुर्भाग्य से हमें सत्ता से बेदखल कर दिया गया. उन्होंने कहा, "मैं जनरल बाजवा को संदेह का लाभ देता रहा, लेकिन बाद में मुझे एहसास हुआ कि मेरे और मेरी सरकार के खिलाफ साजिश के पीछे वह एकमात्र शख्स थे."
यह भी पढ़ें: पाकिस्तानी रुपया अब नेपाली रुपये के आगे भी बेदम, जानिए भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले पाक से कितना मजबूत