इमरान ने क्यों किया फेरबदल?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अदालत के एक फैसले के बाद अपनी कैबिनेट में फेरबदल करना पड़ा है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने हाल में फैसला दिया है कि अनिर्वाचित और विशेष सहायक कैबिनेट समितियों की अगुवाई नहीं कर सकते हैं.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) 2018 में सत्ता में आई थी और उसके बाद से यह चौथा कैबिनेट फेरबदल है. खान ने शेख रशीद अहमद को गृह मंत्री और डॉ अब्दुल हफीज शेख को वित्त मंत्री नियुक्त किया है.
सरकारी रेडियो पाकिस्तान की खबर के मुताबिक, अहमद पहले से ही कैबिनेट का हिस्सा हैं और रेल मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे थे जबकि हफीज शेख वित्त और राजस्व पर सलाहकार के तौर पर सेवा दे रहे थे.
वह निर्वाचित सदस्य नहीं हैं और वह कई समितियों की अगुवाई नहीं कर सकते हैं. हफीज शेख को संविधान के अनुच्छेद 91 (9) के तहत मंत्री नियुक्त किया गया है. वह छह महीने तक मंत्री के पद पर रह सकते हैं. उन्हें उसके बाद कौमी (राष्ट्रीय) असंबेली या सीनेट के लिए निर्वाचित होना होगा.
गृह मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) एजाज़ अहमद शाह को स्वापक नियंत्रण मंत्री बनाया गया है जबकि आज़म खान स्वाती को रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. माना जाता है कि हफीज़ शेख को मार्च में सीनेट का सदस्य बनाया जाएगा, तब उच्च सदन के लिए चुनाव होंगे.
नए कैबिनेट में सबसे अहम बदलाव अहमद के मंत्रालय में किया गया है. रेलवे के कामकाज में सुधार करने में नाकाम रहने के बावजूद उन्हें गृह मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है.