Imran Khan Case: 'इमरान खान की पार्टी अब रिक्शे में फिट हो सकती है', मरियम नवाज का PTI पर वार
Maryam Nawaz On Imran Khan: नौ मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसा के कारण पीटीआई चीफ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. अब पीएमएल-एन की वरिष्ठ नेता मरियम नवाज ने बयान दिया है.
Imran Khan: सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की वरिष्ठ नेता मरियम नवाज ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि 9 मई की हिंसा के बाद इमरान खान समेत पाकिस्तान की मुख्य विपक्षी पार्टी एक रिक्शे में फिट हो सकती है. गौरतलब है कि नौ मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसा के कारण कई महत्वपूर्ण नेता पीटीआई से इस्तीफा दे चुके हैं.
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, मरियम रविवार (11 जून) को पंजाब प्रांत के शुजाबाद में आयोजित एक युवा सम्मेलन को संबोधित कर रही थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'आज इमरान खान खुद पार्टी के अध्यक्ष, महासचिव, मुख्य आयोजक और प्रवक्ता हैं. इतना ही नहीं, वह खुद अपनी पार्टी के एकमात्र उम्मीदवार भी हैं.'
'26 सालों का संघर्ष 26 मिनट में खत्म हो गया'
रिपोट की अनुसार, मरियम ने कहा कि यहां इमरान खान ने 26 सालों के राजनीतिक संघर्ष के बारे में बात की. उन्होंने कहा, 'इमरान खान के 26 साल के लंबे संघर्ष को खत्म होने में केवल 26 मिनट लगे.' अब वह जमान पार्क में अकेले बैठेंगे और उन्हें छोड़ने वाले सभी नेता जहां से आए थे, वहीं चले गए.
अराजकता का अध्याय समाप्त: मरियम
पीएमएल-एन की वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि इमरान खान ने संसदीय अविश्वास प्रस्ताव (पिछले साल अप्रैल में) के जरिए सत्ता से हटाए जाने के बाद पाकिस्तानी सेना को अपनी इच्छा के सामने आत्मसमर्पण कराने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनकी कोशिश विफल रही. उन्होंने आगे कहा कि इमरान खान ने नौ मई को पाकिस्तानी सेना के संस्थानों पर हमला कर उसके खिलाफ बगावत की. लेकिन अब अराजकता और अराजकता का अध्याय समाप्त हो गया है और अब प्रगति की यात्रा शुरू होगी.
बातचीत की भीख मांग रहे इमरान
मरियम ने कहा कि इमरान खान 9 मई को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों का मास्टरमाइंड है, लेकिन अब वह बातचीत और बैठकों की भीख मांग रहा है. उन्होंने कहा कि देश के असली दुश्मन की पहचान 9 मई की हिंसा के बाद हुई. गौरतलब है कि नौ मई को पीटीआई प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देश के कई हिस्सों में सार्वजनिक और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले हुए थे.
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