अटक जेल से रावलपिंडी के जेल में इमरान खान का हुआ तबादला, अदालत ने सारी सुविधाएं मुहैया कराने के दिए आदेश
Imran Khan Jail Transfer: चीफ जस्टिस ने कहा कि 'जेल नियमों के मुताबिक, इमरान खान को वो चीजें मिलनी चाहिए जिसके वो हकदार हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए कि उनका कोई अधिकार खत्म हो जाए.'
Imran Khan Transferred to Adiala Jail: इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने तहरीक-ए-पाकिस्तान (पीटीआई) के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अटक जेल से रावलपिंडी के अदियाला जेल भेजने के आदेश दिए हैं. इस्लामाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आमिर फारूक ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एक अच्छे रहन-सहन के हकदार हैं. उनके अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए.
बीबीसी उर्दू सेवा के मुताबिक, सोमवार को इमरान खान के वकील शेर अफजल मारवत ने इमरान को अटक जेल से अदियाला जेल में ट्रांसफर करने की गुजारिश करते हुए अदालत को आवेदन दिया.
इस्लामाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने एडिशनल अटॉर्नी जनरल मनूर इकबाल से सवालिया लहजे में कहा, “जब इस्लामाबाद के सभी विचाराधीन कैदी अदियाला जेल में हैं, तो फिर एक विचाराधीन कैदी को अदियाला की बजाय अटक जेल में क्यों रखा गया है.”
चीफ जस्टिस आमिर फारूक ने कहा कि 'जेल नियमों के मुताबिक, इमरान खान को वो चीजें मिलनी चाहिए जिसके वो हकदार हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए कि उनका कोई अधिकार खत्म हो जाए.'
किस मामले में जेल गए हैं इमरान खान?
इमरान खान अगस्त से से पंजाब के अटक जेल में बंद है. तब उन्हें तोशाखाना मामले में सजा दी गई थी लेकिन बाद में उन्हें इस मामले में बरी कर दिया गया था. बाद में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के उन्हें तहत सिफर मामले में दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया.
क्या है सिफर मामला?
इमरान खान पर आरोप है कि उनके पास से राजनयिक दस्तावेज गायब हो गए, लेकिन पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए अमेरिका की ओर से धमकी दी गई है.
तीन कैटेगरी में रखे जाते हैं कैदी
पाकिस्तान की जेल में ए, बी और सी कैटेगरी में अपराधियों और विचाराधीन कैदियों को रखा जाता है. 'सी कैटेगरी को कॉमन कैटेगरी कहा जाता है. इसके तहत हत्या, डकैती, चोरी, लड़ाई- झगड़े सरीखे के अपराधी रहते हैं.
'बी' या बेटर कैटेगरी में उन कैदियों को रखा जाता है जो हत्या, लड़ाई झगड़े में शामिल तो होते हैं, लेकिन वे अच्छे परिवार से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए ऐसे कैदी को बी कैटेगरी में रखा जाता है. 'ए' कैटेगरी में केंद्रीय मंत्रियों और ज्यादा टैक्स देने वाले नागरिक समेत सरकारी अधिकारियों को रखा जाता है.