इमरान खान के समर्थक पर लंदन में नवाज शरीफ पर हमले का आरोप, अब बेटी मरियम ने ट्वीट कर कही ये बड़ी बात
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर हमला हुआ है. हमलावर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ का कार्यकर्ता है.
पाकिस्तान में सियासी उठक के बीच लंदन में इलाज करा रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर हमला हुआ है. मिली जानकारी के मुातबिक, नवाज शरीफ पर हमला करने वाला शख्स पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ का कार्यकर्ता है. वहीं, घटना से आहत हुई नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने भड़कते हुए इमरान खान की गिरफ्तारी की मांग की है.
मरियम ने कहा कि, बिना देरी किए इमरान खान को गिरफ्तार किया जाए. वहीं नवाज शरीफ पर हमले की जानकारी पाकिस्तान के एक पत्रकार ने दी है. इस पत्रकार का नाम अहमद नूरानी है. अहमद के मुताबिक, नवाज पर हुए हमले में उनका बॉडीगार्ड घायल हो गया. अहमद ने ट्वीट कर कहा, लंदन में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर पीटीआई के एक कार्यकर्ता ने हमला कर दिया है. उन्होंने आगे कहा कि, पीटीआई पार्टी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि वो अब अपनी हदें पार कर रहा है. अहमद ने आगे कहा कि हिंसा को माफ नहीं किया जा सकता.'
Those of PTI who resort to violence or create a law and order situation should be arrested and thrown behind bars, IK included. IK should be booked for provocation, incitement & sedition. Will be Insha’Allah. None of them should be spared.
— Maryam Nawaz Sharif (@MaryamNSharif) April 2, 2022
ये अमरिका की गुलामी करेंगे- इमरान खान
दरअसल, आज इमरान खान के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना है. पाकिस्तान में विपक्ष के नेता और पीएमएल-एन के नेता शाहबाज शरीफ जो नवाज शरीफ के भाई हैं उनके बारे इमरान खान ने कहा था कि, अगर ये लोग सत्ता में आए तो अमरिका की गुलामी करेंगे.
172 वोटों की इमरान को जरूरत
बता दें, इमरान खान को सरकार बनाये रखने के लिए 172 वोटों की नेशनल असेंबली में जरूरत है. जबकि पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट के मुताबिक उनके पास केवल 142 हैं जबकि विपक्ष के पास 199 सांसदों का समर्थन है. पाकिस्तान में सदन शुरू होने से पहले सुबह 10.30 बजे विपक्षी दलों की बैठक होगी. स्पीकर ने सुबह 11.30 बजे सदन की बैठक बुलाई है. दोपहर 12 बजे के बाद वोटिंग का टाइम तय है. आपको बता दें, पाकिस्तान के इतिहास में अब तक किसी भी प्रधानमंत्री ने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है.
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