इमरान खान की सबसे बड़ी राजनीतिक परीक्षा, 5 प्वाइंट में समझें क्यों खतरे में है उनकी कुर्सी
इमरान खान की सरकार गहरे संकट में है. उनके खिलाफ विपक्ष जहां अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है वहीं उनकी पार्टी के करीब दो दर्जन विधायकों के बागी तेवरों ने भी उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
इमरान खान अपने राजनीतिक करियर की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं. उनके खिलाफ विपक्ष जहां अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है वहीं उनकी पार्टी के करीब दो दर्जन विधायकों के बागी तेवरों ने भी उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. हम आपको इस बड़े राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी 5 बड़ी बातों में देंगे: -
8 मार्च विपक्ष ने दिया अविश्वास प्रस्ताव
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के करीब 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेम्बली सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव दिया था. इसमें आरोप लगाया गया है कि इमरान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार देश में आर्थिक संकट और मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार है.
25 मार्च को होगा नेशनल असेम्बली का 41वां सत्र
नेशनल असेम्बली सचिवालय ने रविवार को अधिसूचना जारी कर अहम सत्र को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी. अधिसूचना के अनुसार, ‘‘सत्र शुक्रवार (25 मार्च) को सुबह 11 बजे शुरू होगा और यह मौजूदा नेशनल असेम्बली का 41 वां सत्र होगा.’’ विपक्ष ने कानूनी आवश्यकताओं के अनुसार 21 मार्च तक सत्र बुलाने की मांग की थी. हालांकि बाद में संयुक्त विपक्ष ने यह कहते हुए अपने रुख में नरमी दिखाई थी कि पाकिस्तान के राजनीतिक उथल-पुथल के कारण (ओआईसी के) कार्यक्रम को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा.
प्रस्ताव स्वीकार हुआ तो वोटिंग होगी
संसद का निचला सदन प्रधानमंत्री के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर 25 मार्च को विचार करेगा. अगर इस प्रस्ताव को सदन औपचारिक रूप से स्वीकार कर लेता है, तो तीन से सात दिनों के बीच मतदान कराया जाना चाहिए.
इस स्थिति में हट सकते हैं इमरान
इमरान खान गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और अगर कुछ सहयोगी दल पाला बदलने का फैसला करते हैं तो उन्हें हटना पड़ सकता है. खान को हटाने के लिए विपक्ष को 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 172 वोटों की जरूरत है. इमरान की पार्टी के सदन में 155 सदस्य हैं और सरकार में बने रहने के लिए उन्हें कम से कम 172 सांसदों की जरूरत है. उनकी पार्टी बहुमत के लिए कम से कम छह राजनीतिक दलों के 23 सदस्यों का समर्थन ले रही है.
ये है इमरान की सबसे बड़ी परेशानी
प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले सत्तारूढ पार्टी के करीब 24 बागी सांसद खुलकर विरोध में उतर आए हैं, जबकि सरकार ने विपक्षी दलों पर सांसदों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाये हैं. इमरान खान ने अपनी पार्टी के बागी सांसदों से कहा है कि यदि पार्टी में वापस आ जाते हैं तो वह उन्हें माफ करने को तैयार हैं.
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