इस्लामाबाद: पाकिस्तान के होने वाले पीएम इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ सार्क देशों के नेताओं को अपने देश बुलाने का सोच रही है. इन नेताओं में पीएम नरेंद्र मोदी का नाम भी शामिल है. सार्क देशों के नेताओं को ये न्योता इमरान के शपथ ग्रहण समारोह के लिए दिया जा सकता है. इसकी जानकारी पार्टी से जुड़े एक अधिकारी ने दी.


11 अगस्त को है शपथ ग्रहण की तैयारी
इमरान की पार्टी पाक आम चुनावों के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. पार्टी को बहुमत नहीं मिला है जिसकी वजह से इसे अन्य दलों से संपर्क साधना पड़ रहा है. इस बीच पार्टी के मुखिया इमरान ने इस बात की घोषणा की है कि वो 11 अगस्त को पीएम पद की शपथ लेंगे.


जल्द होगा सार्क नेताओं को बुलाने का फैसला
खान की पार्टी के एक अधिकारी ने कहा, "तहरीक-ए-इंसाफ की कोर कमेटी सार्क देशों के नेताओं को शपथ ग्रहण में बुलाने का सोच रही है. इन नेताओं में मोदी का नाम भी शामिल है. इसे लेकर जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा."


विदेश मंत्रालय से हो रही है इसके लिए बातचीत
अधिकारी ने आगे कहा कि मोदी ने खान को जीत के बाद जो कॉल किया था वो एक अच्छी पहल है. इससे दोनों देशों के रिश्तों को एक नए अध्याय से शुरू किया जा सकता है. पार्टी के प्रवक्ता फवाद खान ने भी ऐसी बातों को सिरे से खारिज नहीं किया है. उन्होंने इसके लिए विदेश मंत्रालय से बातचीत के बाद फैसला लिए जाने की बात कही है.


पीएम ने खान को दी थी जीत की बधाई
पीएम मोदी ने इमरान खान को जीत की बधाई देने के लिए फोन किया था. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय रिश्तों में नया अध्याय शुरू करने की कोशिश करेंगे. खान ने मोदी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए.


भारत से बेहतर रिश्ते चाहते हैं खान
खान ने अपनी जीत के बाद कहा था कि वो भारत के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं और इसके लिए अगर भारत एक कदम बढ़ाएगा तो वो दो कदम बढ़ाएंगे. आपको बता दें कि पीएम मोदी ने भी 2014 में अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के तब के पीएम नवाज़ शरीफ को न्योता दिया था.


पीएम मोदी ने की हैं कई कोशिशें
इसके बाद पीएम मोदी ने 2015 में रिश्तों को बेहद मज़बूत करने के लिए अचनाक से पाकिस्तान की यात्रा भी की थी जिसके वो नवाज़ के जन्मदिन पर लाहौर पहुंचे थे और उन्हें बधाई दी थी. लेकिन पाकिस्तान ने लगातार आतंकी हमले जारी रखे जिसकी वजह से दोनों दोनों रिश्तों के बीच बताचीत खटाई में पड़ गई.


नहीं बाज़ आया पाकिस्तान
उरी हमले के बाद नौबत यहां तक पहुंच गई कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करनी पड़ी. पठानकोट हमला हो या कुलभूषण जाधव का मामला, ऐसी तमाम वजहों ने दोनों देशों के रिश्तों में खूब कड़वाहट भरी है. वहीं, दोनों देशों ने एक-दूसरे पर जमकर सीज़फायर तोड़ने के भी आरोप लगाए हैं.


क्या भारत स्वीकार करेगा न्योता?
ऐसे में देखने वाली बात होगी कि इमरान अगर ऐसा कोई न्योता पीएम मोदी के लिए भिजवाते हैं, तो क्या भारत उसे स्वीकार करता है. क्योंकि भारत ने पाक के खिलाफ नीति साफ कर रखी है जिसमें ये कहा गया है कि बिना आंतक के समाप्त हुए बातचीत संभव नहीं है.


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