रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वाशिंगटन में विमान क्षेत्र की बड़ी कंपनी बोइंग और सैन्य कम्यूनिकेशन से लेकर मिसाइल तकनीक में महारत रखने वाली अमेरिकी कंपनी रेथियॉन के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान भारत की तरफ से रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाने का प्रस्ताव दिया.


रक्षा मंत्री ने कहा, भारत में अब केवल मेक इन इंडिया ही नहीं मेक फ़ॉर वर्ल्ड यानी दुनिया के लिए बनाओ पर ज़ोर दिया जा रहा है. महत्वपूर्ण है कि बोइंग भारत को एफ-18 सुपर होर्नेट लड़ाकू विमान खरीद का प्रस्ताव दे चुकी है. साथ ही भारत के नौसैनिक बेड़े में आधुनिक P8-I टोही विमानों की संख्या बढ़ाए जाने की कवायद में जुटी है. पनडुब्बियों को तलाशकर मारने में सक्षम P8-I पोसिडियन विमान ताकतवर तकनीकों से लैस हैं. भारत की नौसेना अब तक 12 P8-I विमान हासिल कर चुकी है.


काफी अहम हैं ये विमान


हिन्द प्रशांत सागर में रणनीतिक साझेदारी के लिहाज़ से यह विमान काफी अहम माने जाते हैं क्योंकि ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत समेत सभी क्वाड मुल्कों में यह विमान तैनात हैं. बीते साल अमेरिका 6 बोइंग P8-I विमानों की बिक्री को मंजूरी दे चुका है. रेथियॉन टेक्नोलॉजी भी सैन्य संचार तकनीक के क्षेत्र में भारत के साथ साझेदारी में खास दिलचस्पी दिखा चुका है. ध्यान रहे कि दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी का समझौता होने के बाद कई अमेरिका कंपनियां अपना उत्पादन भारत में ले जाने को भी तैयार हैं.


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