Mahsa Amini: पिछले साल ईरान में पुलिस हिरासत में मरने वाली 22 साल की महसा अमीनी के परिवार को मरणोपरांत पुरस्कार लेने के लिए फ्रांस जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस बात की जानकारी उनके वकील ने दी है. गौरतलब है कि महसा अमिनी की मौत 16 सितंबर, 2022 को हुई थी, जब उन्हें महिलाओं के लिए सख्त ड्रेस कोड (हिजाब) न पहनने के आरोप में ईरान की धार्मिक नैतिकता पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था. इस दौरान पुलिस कस्टडी में ही महसा की मौत हो गई थी. 


महसा की मौत के बाद देशभर की महिलाएं सड़कों निकल आई. महसा अमीनी के लिए न्याय की मांग की गई. उसके परिवार और समर्थकों का कहना है कि उसकी हत्या कर दी गई, जबकि ईरानी अधिकारियों ने सफाई दी थी कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई. महसा अमिनी की  मौत के बाद यूरोपीय संघ (EU) ने उन्हें शीर्ष मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया है. 


फ्लाइट में चढ़ने से रोका गया 


ऐसे में महसा अमिनी को मरणोपरांत मिलने वाले सम्मान को लेने के लिए उनका परिवार फ्रांस जाने वाला था, लेकिन वह जा नहीं पाया.  महसा का सम्मान प्राप्त करने के लिए फ़्रांस पहुंचे उनके वकील, चिरिन अर्दकानी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि महसा अमिनी के माता-पिता और भाई को उस फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया था जो उन्हें फ्रांस ले जाने वाली थी. बता दें कि13 दिसंबर को एक यूरोपीय संसद समारोह में महसा अमिनी के परिवार को यह सम्मान सौंपा जाना है. 


पासपोर्ट किया जा चुका है जब्त 


उन्होंने आगे कहा कि वैध वीजा होने के बावजूद परिवार को ईरान छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं, उन्होंने कहा कि ईरानी अधिकारी पीड़ितों के परिवारों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बात करने से रोकने के लिए कभी भी इतने सक्रिय नहीं रहे हैं. इससे पहले 16 सितंबर को, महसा अमिनी की मौत की सालगिरह पर ईरानी सुरक्षा बलों ने कुछ समय के लिए उनके पिता को हिरासत में लिया था. इस बात की पुष्टि स्थानीय मानवाधिकार समूह ने की थी.


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