COVID-19: दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के बीच इन 3 बीमारियों ने बढ़ाई स्वास्थ्य अधिकारियों की चुनौतियां
Diseases Increased The Challenges: दुनिया अभी कोरोना संक्रमण से उभर भी नहीं पाई थी कि तीन नई बीमारियां 'मंकीपॉक्स', 'हेपेटाइटिस' और 'टोमैटो फ्लू' ने कई देशों में दस्तक दे दी है.
Three diseases increased the challenges: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Corona Virus) ने तबाही मचा रखी है. चीन से निकले इस वायरस ने देखते ही देखते पूरी दुनिया को अपने आगोश में ले लिया और लाखों जिंदगियों को अपना शिकार बना लिया. हालांकि वैक्सीन (Vaccine) के आने के बाद मौतों का आंकड़ा कुछ कम जरूर हुआ लेकिन कोरोना खत्म नहीं हुआ है. उसकी रफ्तार पहले की तुलना में कुछ धीमी पड़ गई है. अभी भी ये कुछ देशों में मौत का तांडव करता हुआ दिखाई दे रहा है. पूरी दुनिया अभी कोरोना संक्रमण की महामारी से उबर भी नहीं पाई थी कि तीन नई बीमारियां 'मंकीपॉक्स'(Monkeypox), 'हेपेटाइटिस' (Hepatitis) और 'टोमैटो फ्लू' (Tomato Flue) ने भी दुनिया के कई देशों में दस्तक दे दी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया है कि दुनिया के 12 देशों में मंकीपॉक्स ने 92 लोगों को संक्रमित कर दिया है. आइए आपको बताते हैं किन देशों में इन तीनों नई बीमारियों ने दस्तक दी है और कितने लोगों को अपने संक्रमण से प्रभावित किया है. इन बीमारियों के आने की वजह से पूरे विश्व में खलबली मची हुई है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई है.
टोमैटो फ्लू
टोमैटो फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है. ये वायरस 5 साल से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता है. इस वायरस से इंफेक्शन की वजह से होने वाली बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू इसलिए रखा गया है क्योंकि जब ये बच्चों को अपने इंफेक्शन से प्रभावित करता है तो संक्रमित बच्चों के शरीर पर टमाटर जैसे लाल रंग के दाने उभर आते हैं. इन दानों में खुजली होती है जिसे खुजलाने से इनमें जलन होती है. संक्रमित बच्चे को तेज बुखार भी आता है. इसके अलावा संक्रमित बच्चे के शरीर और जोड़ो में दर्द की शिकायत भी रहती है. ये वायरस अपने इंफेक्शन से बच्चों की पाचन शक्ति को खराब कर देता है जिसकी वजह से बच्चे डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं.
हेपेटाइटिस
पिछले कुछ दिनों से दुनिया भर के बच्चों में अनएक्सप्लेंड एक्यूट हेपेटाइटिस के मामले दिखाई दे रहे हैं. शोधकर्ता इस बात को समझने में लगे हैं कि आखिरकार ये अचानक से क्यों ऐसे मामलों की संख्या बढ़ने लगी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) और यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी सहित प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया है, क्योंकि दुनिया भर के देशों में मामले बढ़ रहे हैं. बच्चों को एक्यूट हेपेटाइटिस तभी होता है जब उनके लिवर में सूजन होती है, सूजन की वजह से खून में लिवर एंजाइम की मात्रा बढ़ जाती है, रोग मुख्य रूप से हेपेटाइटिस वायरस में से एक की वजह से होता है या फिर कुछ ऑटोइम्यून स्थितियों में. हालांकि शोधकर्ता अभी इसके बारे में अन्य स्पष्टीकरण और संभावित कारणों की भी तलाश में लगे हुए हैं.
मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है. यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था. मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था. यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है और कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाता है. हैदराबाद के यशोदा अस्पताल में संक्रामक रोगों पर सलाहकार डॉ. मोनालिसा साहू ने बताया, मंकीपॉक्स एक दुर्लभ जूनोटिक बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के कारण होती है. मंकीपॉक्स वायरस पॉक्सविरिडे परिवार से संबंधित है, जिसमें चेचक और चेचक की बीमारी पैदा करने वाले वायरस भी शामिल हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जताई चिंता
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को लेकर रविवार को चिंता जताई थी. बाइडेन ने रविवार को कहा कि यूरोप और अमेरिका में हाल में दिनों में आए मंकीपॉक्स के मामलों को लेकर चिंतित होने की जरूरत है. बाइडेन ने पहली बार दक्षिण कोरिया में हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सार्वजनिक रूप से इस बीमारी पर टिप्पणी की. बाइडेन ने कहा, अगर ये संक्रमण फैला तो इसके परिणाम भुगतने होंगे.
यह भी पढ़ेंः
Monkeypox Case: 12 देशो में मंकीपॉक्स के 92 मरीज, WHO ने दी वैश्विक स्तर पर फैलने की चेतावनी