Islamabad Mobile Service Ban: पाकिस्तान की राजधानी में शुक्रवार को लॉकडाउन लगा दिया गया साथ ही इस्लामाबाद में मोबाइल फोन सेवा भी निलंबित कर दी गई है. वहीं, विरोध प्रदर्शन के हिस्सा रहे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहनों अलीमा और उज्मा खान को आज इस्लामाबाद में गिरफ्तार कर लिया गया. पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा राजधानी की ओर जाने वाली मुख्य सड़कों और हाईवे पर शिपिंग कंटेनर रख दिया गया ताकि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों को उनकी रिहाई की मांग को लेकर रैली निकालने से रोका जा सके.
शहबाज शरीफ की सरकार ने भी अर्धसैनिक रेंजरों और अतिरिक्त पुलिस को तैनात किया है और खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी द्वारा विरोध प्रदर्शन के आह्वान को वापस लेने से इनकार करने के बाद इस्लामाबाद और पास के शहर रावलपिंडी में स्कूलों को बंद कर दिया.
बता दें कि ऑनलाइन पोस्ट किए गए वीडियो में पुलिस को उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा राज्य में एक मुख्य हाईवे पर पुलों और सड़कों पर शिपिंग कंटेनर रखते हुए दिखाया गया है, खान के समर्थकों ने इस सप्ताह रैलियों पर लगाए गए प्रतिबंध की अवहेलना करते हुए राज्य से इस्लामाबाद तक मार्च करने की योजना बनाई है.
पुलिस ने कुछ पार्टी समर्थकों को भी किया गिरफ्तार
शरीफ के मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी खान 150 से अधिक पुलिस मामलों के सिलसिले में एक साल से अधिक समय से जेल में हैं.इसके बावजूद वह एक लोकप्रिय व्यक्ति बने हुए हैं,जिनके बारे में उनकी पार्टी का कहना है कि वे राजनीति से प्रेरित हैं. उन्हें 2022 में संसद में अविश्वास प्रस्ताव के ज़रिए पद से हटा दिया गया और 2023 में एक अदालत द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में 3 साल की जेल की सज़ा सुनाए जाने के बाद गिरफ़्तार कर लिया गया.
इस्लामाबाद और रावलपिंडी में संचार हुआ बाधित
शुक्रवार को इस्लामाबाद और रावलपिंडी में सेलफोन सेवा के निलंबित होने से संचार-व्यवस्था बाधित हुआ और ऑनलाइन बैंकिंग जैसी बुनियादी सेवाएं प्रभावित हुईं. सड़कों पर लगाए गए रोक के कारण कई लोगों को यात्रा करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा. लीं, गुरुवार को, गृह मंत्री मोहसिन नक़वी ने खान की पार्टी से नियोजित विरोध प्रदर्शन को रद्द करने के लिए कहा और चेतावनी दी कि अगर विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध का उल्लंघन किया जाता है तो "कोई नरमी नहीं बरती जाएगी".
खान के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक संदेश में समर्थकों से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह किया गया. इसमें कहा गया,"सत्ता में बैठे तानाशाह हमें आतंकित करना चाहते हैं" "इसलिए निडर होकर आगे बढ़ें और याद रखें कि अगर आप अभी भी हिचकिचाते हैं तो आगे बढ़ें और खुद को सही मायने में आजाद करें"
शहबाज शरीफ की सरकार का कहना है कि खान की पार्टी पाकिस्तानी तालिबान द्वारा हमलों के खतरे के बावजूद हिंसक विरोध प्रदर्शन करके देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना चाहती है. पाकिस्तान को हाल ही में इंटरनेशनल मोनेटरी फंड से 7 बिलियन डॉलर का लोन मिला है, जिससे देश आर्थिक संकट से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है.
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