Pakistan: पाकिस्तान के बलूचिस्तान के एक जिले में फैली लीशमैनिया महामारी नियंत्रण से बाहर हो गई है. आलम ये है कि दवाइयां कम पड़ गई हैं. मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने से व्यवस्था चरमरा गई है. स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अस्पतालों में दवाइयों और इंजेक्शन की डिमांड पूरी नहीं हुई तो स्थति बदतर हो जाएगी.


कलात जिले के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नसरुल्लाह के अनुसार, अभी तक लीशमैनिया के 600 से अधिक रोगी पंजीकृत किए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि चूंकि प्रभावित व्यक्तियों की संख्या काफी अधिक है, इसलिए सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली चिकित्सा आपूर्ति की मात्रा अपर्याप्त है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग और सरकार से गुहार लगाई है लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है. 


बाढ़ के कारण फैली महामारी 


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बलूचिस्तान के कलात जिले में लीशमैनिया महामारी ने अपने पांव पसार लिया है. मरीजों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है. स्थानीय अस्पतालों में रखी दवा और इंजेक्शन की आपूर्ति कम हो गई है. नसरुल्लाह ने आगे कहा कि यदि समय पर इस बीमारी पर काबू नहीं पाया गया तो यह अन्य क्षेत्रों को भी प्रभावित करेगी, जिससे स्थिति और दयनीय हो सकती है. एक्सपर्ट के मुताबिक पिछले साल आई बाढ़ के कारण यह बीमारी तेजी से फ़ैल गई. सरकार बाढ़ के बाद की स्थिति का पहले से अंदाजा नहीं लगा पाने के बाद अब बैकफुट पर है. 


मदद मांग रहा है पाकिस्तान


बता दें कि आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से मदद मांग रहा है. इससे पहले भी खबर आई थी कि पाकिस्तान में लोगों को अब जरूरी दवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं. देश में दवाओं की किल्लत के बीच उनकी तस्करी और नकली दवाओं का बाजार भी गर्म हो गया है.


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दवा कंपनियों की मांग थी कि 100 से अधिक दवाओं की कीमतों को बढ़ाया जाए जिससे वो विदेशों से दवा आयात जारी रख सकें. जिसपर पाकिस्तान सरकार आनाकानी कर रही थी और देश में जरुरी दवाइयों की कमी हो गई. 


ये भी पढ़ें: US Poop Donor: इंसानी मल देनें पर ये कंपनी दे रही है करोड़ों रुपये, जानें क्या है इसके पीछे की वजह