पाकिस्तान की कंगाल रेल की हालत बेहद खस्ता हो चुकी है. वह भारत के 21 ट्रेन कोच को पिछले करीब डेढ साल से अपने यहां पटरी पर दौड़ रहा है. रेलवे के अपग्रेडेशन की दिशा में पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को उम्मीद थी कि चीन से वहां पर निवेश किया जाएगा. लेकिन, उसके इस सपने पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है. लगातार खस्ताहाल पाकिस्तानी रेल को लेकर चीन ने भी उसे ‘धोखा’ दिया है.
पाकिस्तान के हाल में रेल मंत्रालय संभालने वाले मंत्री आजम खान स्वाति ने बताया कि पिछले 50 वर्षों के दौरान पाकिस्तानी रेलवे को करीब 1.2 ट्रिलियन रुपये का नुकसान हुआ है. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, रेल मंत्री ने हफ्ते भर पहले पत्रकारों से पेशावर में बात करते हुए कहा- सिर्फ पिछले दो दशकों के दौरान ही रेलवे को करीब इसका 90 फीसदी नुकसान हुआ है. पाकिस्तानी रेल मंत्री ने बताया कि अनुमानित तौर पर हर साल रेलवे को 35 से 40 अरब रुपये का उसे घाटा हो रहा है. सरकार ने इसकी बेहतरी को लेकर योजना बनाई है. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ये सब कैसे होगा.
पाकिस्तान यह उम्मीद कर रहा था कि चीन की तरफ से 6.8 बिलियन डॉलर के निवेश से पेशावर से कराची को जोड़ने वाली मेन लाईन-1 को अपग्रेड किया जाएगा. और इसके जरिए रेलवे को एक नया जीवनदान मिलेगा. लेकिन, चीन ने इसके लिए पैसा नहीं दे रहा है, जिसकी वजह से इमरान खान का यह प्रोजेक्ट बीच अधर में लटक गया है. यह प्रोजेक्ट को इस साल जनवरी में ही शुरू किया जाना था.
पाकिस्तानी रेलवे की हालत इतना खराब हो चुकी है कि वह अपने कर्मचारियों को वेतन तक देने में असमर्थ है और वह उसे निजीकरण करने पर मजबूर है. इतना ही नहीं, इमरान खान का 'नया पाकिस्तान' भारतीय कोच को चलाने में व्यस्त है.
पाकिस्तान, भारत की 21 बॉगियों का डेढ साल से इस्तेमाल कर रहा है और वापसी के कई अनुरोध के बावजूद वह उन डिब्बों को नहीं लौटा रहा है. समझौता एक्सप्रेस भारत से आखिरी बार पाकिस्तान के लिए 7 अगस्त 2019 को चली थी. जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद को खत्म किए जाने के बाद 8 अगस्त 2019 को समझौता एक्सप्रेस रोक दी गई थी.
इसके बाद समझौता एक्सप्रेस के 11 कोच के साथ ही एक मालगाड़ी भी पाकिस्तान में फंस गई. इस मालगाड़ी में 10 कोच लगे हुए थे. मालगाड़ी को सामानों के साथ पाकिस्तान भेजा गया था. डेढ साल बीत जाने के बावजूद पाकिस्तान ने इन 21 बॉगियों को नहीं लौटाया है. भारत की तरफ से इसको लेकर कई रिमाइंडर्स भेजे गए हैं लेकिन पाकिस्तान है कि उसके कानों पर जूं नहीं रेंग रहे.