नई दिल्लीः भारत में आए दिन हो रहे बलात्कार देश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते रहते हैं. कुछ ऐसा ही हाल भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान का भी है, लेकिन अब पाकिस्तान में रेप के कानून मे बदलाव करते हुए नए रेप विरोधी कानून- एंटी रेप ऑर्डिनेंस 2020 का लाया गया है. इसके आने के बाद रेप के मामले में न्याय मिलने में तेजी आएगी. वहीं इस नए कानून में दिए गए सजा के प्रावधान के कारण अब देश में रेप के मामले कम होते दिखेंगे.


पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने रेप विरोधी कानून- एंटी रेप ऑर्डिनेंस 2020 पर मुहर लगा दी है. इसके अनुसार अब रेप के मामले में न्याय पहले की अपेक्षा तेजी से मिलेगा. इस कानून में जल्द न्याय के साथ ही कड़ी सजा का भी प्रावधान दिया गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कैबिनेट ने बीते महीने इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी.


अब पाकिस्तान में रेप और यौन अपराध के मामलों के लिए ज्यादा से ज्यादा ट्रायल कोर्ट भी बनाई जाएंगी. इस अध्यादेश के तहत किसी भी रेप केस के मामले में चार महीने के अंदर ही फैसला सुनाना होगा. वहीं इस कानून के तहत रेप के आरोपी को दोषी पाए जाने के बाद नपुंसक भी बनाया जा सकता है.


वहीं इस कानून के तहत पीड़ितों की पहचान को सांर्वजनिक नहीं किया जाएगा. अगर औसा होता है तो वह दंडनीय अपराध के अन्तर्गत आएगा. मामले की जांच कर रहे पुलिस और सरकारी अधिकारियों के लापरवाही बरतने पर उन्हें भी तान साल की सजा हो सकती है.


राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान जारी करते हुए कहा गया है कि प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से इक कानून के लिए फंड बनाया जाएगा. इस फंड से दो पैसे आएंगे उससे स्पेशल कोर्ट का गय़न किया जाएगा. फिलहाल पाकिस्तान में संघीय औऱ प्रांतीय सरकारें भी फंड के लिए पैसे भेजेंगी.


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