म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद लगातार स्थिति खराब होती जा रही है. गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान म्यांमार के सुरक्षाबलों की कार्रवाई में दूसरे दिन भी खून बहे और दो दिनों में 56 लोगों की जान चली गई. गुरुवार को 18 लोग मारे गए हैं जबकि एक दिन पहले सैन्य कार्रवाई के चलते 38 लोगों की मौत हो गई थी.


स्विट्जरलैंड में संयुक्त राष्ट्र की एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को हुए प्रदर्शन के दौरान 38 लोग मारे गए. यह आंकड़ा इस संबंध में मिलीं अन्य रिपोर्टों से मेल खाता है, लेकिन देश के भीतर इन आंकड़ों की पुष्टि करना मुश्किल है.


म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत क्रिस्टीन श्रानेर बर्गनर ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘एक फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद आज सर्वाधिक लोगों का खून बहा. केवल आज ही 38 लोग मारे गए. तख्तापलट के बाद से जारी प्रदर्शनों में अभी तक कुल 50 लोग मारे गए हैं और कई लोग घायल भी हुए हैं.’’


म्यांमार में लोग सेना के तख्तापलट और निर्वाचित नेता आंग सान सू ची को निष्कासित किए जाने के खिलाफ रोजाना प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों को काबू करने या उन्हें तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बल लगातार आंसू गैस के गोले, रबड़ की गोलियां दाग रहे हैं और गोलीबारी कर रहे हैं.


टीवी चैनल एवं ऑनलाइन सेवा ‘डेमोक्रेटिक वॉयस ऑफ बर्मा’ ने भी मृतकों की संख्या 38 ही बताई है. गौरतलब है कि म्यांमा में सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट कर देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी. सेना का कहना है कि सू ची की निर्वाचित असैन्य सरकार को हटाने का एक कारण यह है कि वह व्यापक चुनावी अनियमितताओं के आरोपों की ठीक से जांच करने में विफल रही.


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