Covid In South Africa: दुनियाभर में दहशत के बीच साउथ अफ्रीका में आया कोरोना का नया वेरिएंट 'क्रैकेन', तेजी से फैलता है वायरस
Covid kraken variant:डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने इसी हफ्ते जानकारी दी थी कि XBB.1.5 कोरोना महामारी में पाया गया अब तक का सबसे ज्यादा तेजी से फैलने वाला सब-वेरिएंट है.
Covid In South Africa: दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना के नए-नए वेरिएंट मिल रहे हैं. हाल ही में कोरोना का एक नया वेरिएंट क्रैकेन मिला है. इसी क्रम में आज शनिवार (7 जनवरी) को साउथ अफ्रीका में कोरोना के नए वेरिएंट क्रैकेन के मिलने की पुष्टि की गई है. ये वेरिएंट ऑमिक्रॉन का ही XBB.1.5 वेरिएंट है, जिसे क्रैकेन निकनेम दिया गया है. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में 41 फीसदी मामलों के लिए क्रैकन वेरिएंट ही जिम्मेदार है.
कोरोना का क्रैकेन वेरिएंट सबसे ज्यादा फैलने वाला वेरिएंट है, जो दो अलग-अलग BA.2 स्ट्रेन्स से पैदा हुआ है. ये अभी तेजी से अमेरिका सहित कई दूसरे देशों में पांव पसार रहा है. क्रैकेन की मौजूदगी भारत सहित लगभग 28 देशों में है और अब साउथ अफ्रीका भी शामिल हो चुका है.
WHO ने दी जानकारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में कोविड-19 तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव, इसी हफ्ते जानकारी दी थी कि XBB.1.5 कोरोना महामारी में पाया गया अब तक का सबसे ज्यादा तेजी से फैलने वाला सब-वेरिएंट है. इस नए वेरिएंट के फैलने की क्षमता को लेकर कुछ लोगों ने इसे "क्रैकेन वेरिएंट" का नाम दिया है. हालांकि अब तक XBB.1.5 और अन्य वेरिएंट से होने वाले मामलों के बीच पहचान करने पर कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं मिल पाया है, लेकिन WHO आने वाले दिनों में वेरिएंट के जोखिमों पर एक अपडेट जानकारी बनाने की योजना बना रहा है.
First XBB.1.5 detected in SA today by Stellenbosch University, Network for Genomics Surveillance in South Africa (NGS-SA). XBB.1.5 = 1% (1/97 of recent genomes). Isolate from 27-Dec-2022. Interesting, two others assigned as BA.2.75 with extra Spike F486P mutation. Tweet 1/2
— Tulio de Oliveira (@Tuliodna) January 6, 2023
चीन में क्रैकेन वेरिएंट को लेकर सूचना नहीं
इस नए वेरिएंट के बारे में पिछले साल 27 दिसंबर को पता चला था, जब स्टेलेनबॉश यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने मिल कर वेरिएंट के जिनोम सिक्वेन्सिंग की थी. इस बात की जानकारी यूनिवर्सिटी में एक जीन सिक्वेन्सिंग संस्थान के प्रमुख टुलियो डी ओलिवेरा ने दी थी. अभी तक चीन में क्रैकेन वेरिएंट के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है, जो इस वक्त कोरोना की मार सबसे ज्यादा झेल रहा है.
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