Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका (Sri Lanka) के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) और पीएम रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) जनता की सहानुभूति खो चुके हैं. ऐसे में संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धन (Mahinda Yapa Abhaywardhan) श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति बन सकते हैं. बहुसंख्यक दलों के नेताओं द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर श्रीलंका में मौजूदा राजनीतिक संकट को समाप्त करने के लिए संसद के अध्यक्ष राष्ट्रपति राजपक्षे और पीएम विक्रमसिंघे को अपने पदों से हटने के लिए कहेंगे, ताकि सर्वदलीय सरकार का रास्ता बनाया जा सके. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी नेताओं ने शनिवार शाम मुलाकात कर सर्वदलीय सरकार बनने तक महिंदा यापा अभयवर्धन को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया.


राष्ट्रपति ने पीएम से कहा- ऐलान के मुताबिक दूंगा इस्तीफा
इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को यह जानकारी दी है कि वह अपनी घोषणा के मुताबिक 13 जुलाई को इस्तीफा दे देंगे. यह जानकारी दी प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी है. गौरतलब है कि गोटबाया राजपक्षे के बड़े भाई महिंदा राजपक्षे ने नौ मई को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.


विक्रमसिंघे तुरंत पद छोड़ने को राजी नहीं
बताया जा रहा है कि विक्रमसिंघे तुरंत पद छोड़ने के लिए राजी नहीं हैं. उन्होंने मीडिया में बयान दिया है कि एक बार सर्वदलीय सरकार बनने के बाद वह इस्तीफा दे देंगे.


इस बीच राष्ट्रपति आवास (Presidential Residence) में प्रदर्शनकारियों (Protesters) ने कब्जा किया हुआ है. उनका कहना है कि जब तक राष्ट्रपति राजपक्षे इस्तीफा नहीं दे देते वह राष्ट्रपति आवास को खाली नहीं करेंगे.


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