Independence Day 2024 : आज 15 अगस्त है और भारत स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. पड़ोसी बांग्लादेश और पाकिस्तान कभी भारत का ही हिस्सा हुआ करते थे. 15 अगस्त 1947 में जब अंग्रेजों ने भारत छोड़ा तो इस मुल्क के इस हिसाब से टुकड़े किए, जिससे भारत चारों तरफ से घिरा रह सके. पूर्वी और पश्चिम छोर में पाकिस्तान को बसाया गया, लेकिन भारत ने 1971 में ऐसा कर दिखाया, जिसकी ब्रिटेन और अमेरिका ने कभी उम्मीद भी नहीं की थी. भारत ने पूर्वी पाकिस्तान की जगह बांग्लादेश खड़ा कर दिया. एशिया में अमेरिका के लिए ये सबसे बड़ा आघात था.


हालांकि, अमेरिका को इसकी भनक पहले ही लग गई थी. जब इंदिरा गांधी अमेरिका में 1971 में गईं तो अमेरिकी प्रेसिडेंट रिचर्ड निक्सन ने धमकी दी थी. इस बात का जिक्र कुलदीप नैयर की किताब-'एक जिदंगी काफी नहीं' में है. रिचर्ड निक्सन ने इंदिरा गांधी को कहा था कि वह पूर्वी पाकिस्तान से दूर रहें. अमेरिका ने ये भी कहा था कि अमेरिका किसी भी हाल में पूर्वी पाकिस्तान में नया देश नहीं बनने देगा. अमेरिका को ये भी चिंता थी कि अगर पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा पाकिस्तान के पास से निकलता है तो ये तो ये चीन और भारत के लिए फायदेमंद होगा.


पाकिस्तान को उम्मीद नहीं थी कि भारतीय सेना घुस जाएगी
जब पूर्वी पाकिस्तान में हिंसाएं बढ़ने लगीं तो जनता ने भारत की तरफ देखना शुरू कर दिया. पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति याह्या खान को भी ये नहीं पता था कि भारतीय सेना अमेरिकी चेतावनी के बाद भी पूर्वी पाकिस्तान में घुस सकती हैं. इसी वजह से वह उन दिनों शराब की महफिलें सजाते थे. भारतीय फौजें पूर्वी पाकिस्तान में घुसीं और केवल 13 दिनों में सारा खेल ही बदल गया. बांग्लादेश बनने के बाद अमेरिका के संबंध कभी सहज नहीं रहे. खासकर प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तो अमेरिका से तनाव ही रहा. बांग्लादेश बनने के बाद जब आधी दुनिया नए देश को मान्यता दे चुकी थी, उसके चार महीने बाद अमेरिका ने इसको मान्यता दी.


सैन्य बेस बनाना चाहता था अमेरिका
अब बांग्लादेश में भी सियासी तख्तापलट हो चुका है. हिंसक प्रदर्शन के बाद शेख हसीना को ढाका छोड़कर जाना पड़ा. शेख हसीना ने हमेशा से ही अमेरिका पर बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था. शेख हसीना की सरकार गिरने से पहले अमेरिका की निगाह सेंट मार्टिन द्वीप पर थी, वह वहां पर सैन्य बेस बनाना चाहता था. जो नहीं हो पा रहा था. इस पॉइंट से अमेरिका चीन और भारत पर नजर रख सकता था, लेकिन बांग्लादेश में अब पूरा ही खेल बदल गया.


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