Afghanistan Issue In UNSC: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने अफगानिस्तान के हित में बातें कीं. रुचिरा काम्बोज ने कहा कि अफगानिस्तान के निकटवर्ती पड़ोसी और लंबे समय से साझेदार होने के नाते और अफगानों के साथ हमारे मजबूत ऐतिहासिक व सभ्यतागत संबंधों को देखते हुए हम इस मुल्क में शांति और स्थिरता की वापसी सुनिश्चित करना चाहते हैं.
रुचिरा काम्बोज ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि अफगानिस्तान की धरती का उपयोग आतंकी गतिविधियों, खास तौर पर UNSC द्वारा घोषित आतंकियों व उनके संगठनों के ठिकानों, प्रशिक्षण या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए." उन्होंने आगे कहा कि इस पड़ोसी मुल्क में शांति और स्थिरता की वापसी सुनिश्चित करने में भारत का सीधा हित है.
रुचिरा काम्बोज ने दी अफगानिस्तान पर स्पीच
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) को लेकर रुचिरा काम्बोज ने कहा कि अगस्त, 2021 के UNSC के प्रस्ताव 2593 में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक दृष्टिकोण को व्यक्त किया गया है, जिसे UNSC की भारत की अध्यक्षता में स्वीकार किया गया था. उन्होंने कहा, "प्रस्ताव के अनुसार, हम उम्मीद करते हैं कि यहां की धरती का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होने दिया जाएगा." रचिरा ने यह भी बताया कि प्रस्ताव में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करना भी शामिल है.
'नशा-मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ हो कार्रवाई'
गौरतलब हो कि अफगानिस्तान में अफीम का कारोबार काफी फला-फूला है. यहां की अफीम की भारत में कई बार तस्करी की गई है. माना जाता है कि तालिबानी हुकूमत से जुड़े लोग अफीम की खेती के जरिए मोटी कमाई करते हैं. हालांकि, तालिबान हुकूमत नशा के खिलाफ पाबंदियों को सख्त करने की बात कह चुकी है. वहीं, भारत की ओर से भेजे जाने वाली मदद को तालिबान हुकूमत ने सराहा है.
महिलाओं के अधिकारों का हो रहा दमन
UNSC में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने अफगानिस्तान में सार्वजनिक जीवन से महिलाओं को हटाने की दिशा में बढ़ते प्रयासों पर भी चिंता जताई है. उन्होंने अफगानिस्तान के भविष्य में महिलाओं और अल्पसंख्यकों को शामिल करने और उनके अधिकारों का पूर्ण सम्मान करने का आह्वान किया. बुधवार (8 मार्च) को महासचिव (SRSG) के विशेष प्रतिनिधि और UNAMA के चीफ ने UNSC में कहा, "तालिबानी शासन के तहत अफगानिस्तान महिलाओं के अधिकारों के मामले में दुनिया में सबसे दमनकारी मुल्क बना हुआ है..."
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