India Aid To Afghanistan: भारत से अफगानिस्तान को ₹200 करोड़ की मदद, खुश तालिबान ने बजट पर दिया ये बयान
India Afghanistan News: अगस्त 2021 में तालिबान ने काबुल में आधिपत्य जमा लिया तो अफगानिस्तान और भारत के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. भारत की अधिकांश परियोजनाओं पर संकट आ गया था.
India-Afghanistan Ties: अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ने के बाद सत्ता पर काबिज हुए तालिबान (Taliban) अपनी आर्थिक जरूरतें पूरी करने के लिए विदेशों से रिश्ते सुधारने पर जोर दे रहा है. इसी क्रम में तालिबान ने गुरुवार को भारत के केंद्रीय बजट 2023-24 (Indian Budget 2023-24) का स्वागत किया और कहा कि अफगानिस्तान के लिए भारत द्वारा की गई सहायता की घोषणा से दोनों देशों के बीच संबंधों और विश्वास को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
अफगान तालिबान ने की भारत सरकार की प्रशंसा
न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक, तालिबान सरकार ने भारत की ओर से मिलने वाली मदद के लिए भारत सरकार की तारीफ की है. भारत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट में अफगानिस्तान के लिए 200 करोड़ रुपये के विकास सहायता पैकेज के प्रस्ताव की घोषणा की गई थी. बुधवार सुबह 11 बजे सीतारमण ने अपना बजट भाषण दिया था, जो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट था. पिछले दो केंद्रीय बजटों की तरह 2023-24 का बजट भी पेपरलेस रूप में पेश किया गया.
अफगानिस्तान के लिए भारत का 200 करोड़ रुपये का वादा
2023-24 के बजट में भारत ने अफगानिस्तान को विकास सहायता में 200 करोड़ रुपये देने का वादा किया है. तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण हासिल करने के बाद भारत की ओर से उन्हें आर्थिक मदद मुहैया कराने का यह दूसरा साल है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस संबंध में पहली घोषणा पिछले साल के बजट में की गई थी.
'दोनों देशों के बीच संबंधों और विश्वास को मिलेगा बढ़ावा'
भारत के बजट का स्वागत करते हुए तालिबान की नेगोसिएशन टीम के सदस्य सुहैल शाहीन ने कहा, "हम अफगानिस्तान के विकास के लिए भारत के सहयोग की सराहना करते हैं. यह दोनों देशों के बीच संबंधों और विश्वास को बेहतर बनाने में मदद करेगा."
भारत से परियोजनाओं को फिर से शुरू करने की अपील
गौरतलब हो कि अगस्त 2021 में तालिबान ने काबुल में सत्ता पर कब्जा कर लिया था, तो अफगानिस्तान और भारत के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे, और भारतीय सहयोग की अधिकांश पहल रुक गई थीं. इस बारे में शाहीन ने कहा, "अफगानिस्तान में ऐसी कई परियोजनाएं थीं, जिनकी भारत फंडिंग कर रहा था. अगर भारत इन परियोजनाओं पर काम फिर से शुरू करता है, तो इससे दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा मिलेगा और अविश्वास खत्म होगा."