दिवाली से पहले भारत-चीन सरहद पर 'शांति', चीनी विदेश मंत्रालय बोला- अपने सैनिकों को हटा रहे हम
India China Border: भारत और चीन के बीच हुए अहम समझौते के बाद दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख के देमचोक और देपसांग में टकराव वाली जगहों से सैनिकों को पीछे हटाना दो अक्टूबर को शुरू कर दिया.
India China Border: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर डिसइंगेजमेंट की सहमति के बाद चीन ने बुधवार (30 अक्टूबर, 2024) को बताया कि चीनी और भारतीय सेनाएं एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने के बारे में लिए गए फैसले को व्यवस्थित तरीके से पूरा कर रही हैं.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने सैनिकों को पीछे हटाने में हुई प्रगति को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि चीन और भारत के बीच सीमा से जुड़े मुद्दों पर एक सहमति बनी है. चीन के प्रवक्ता लिन जियान ने कोई ब्यौरा देने से इनकार करते हुए कहा, "इस वक्त चीनी और भारतीय सैनिक समझौतों को व्यवस्थित तरीके से लागू कर रहे हैं."
समझौते के बाद अब तक क्या हुआ?
भारत और चीन के बीच हुए अहम समझौते के बाद दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख के देमचोक और देपसांग में टकराव वाले जगहों से सैनिकों को पीछे हटाना दो अक्टूबर को शुरू कर दिया था. जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया था. पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच यह सबसे भीषण सैन्य टकराव था.
पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने किया था समझौते का समर्थन
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को नई दिल्ली में कहा था कि पिछले कई हफ्तों में हुई बातचीत के बाद समझौतों को अंतिम रूप दिया गया और यह 2020 में उपजे मुद्दों का समाधान करेगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर हुए समझौते का 23 अक्टूबर को समर्थन किया था.
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