India-Japan Deal: भारत-जापान के बीच होने जा रही बड़ी डील, हिंद महासागर में भारतीय नौसेना होगी मजबूत, बौखला सकता है चीन
India-Japan Deal: भारत और जापान रक्षा सहयोग से जुड़े एक मसौदे पर बड़ी डील करने वाले हैं. इस डील के बाद चीन को बड़ा झटका लगने वाला है, क्योंकि जापानी एंटिना भारत को मिलने वाले हैं.
India-Japan Deal: भारत और जापान के बीच एक बड़ी डिफेंस डील होने जा रही है, इसके जरिए भारत अपनी नौसेना के लिए जापान से एंटिना खरीदेगा. इस डील की घोषणा आज यानी मंगलवार को नई दिल्ली में होने वाली दोनों देशों के मंत्रियों की बैठक में हो सकती है. जापानी एंटिना के जरिए भारतीय नौसेना हिंद महासागर में अपने दुश्मनों का आसानी से पता लगा सकेगी. हिंद महासागर में चीनी घुसपैठ से भारत काफी परेशान है, क्योंकि चीनी नौसेना साउथ चाइना से लेकर अफ्रीका महाद्वीप तक अपना हस्तक्षेप बढ़ा रही है.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 के बाद दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों की यह पहली मंत्रिस्तरीय बैठक होगी. जापानी नौसेना एनईसी और अन्य जापानी कंपनियों की द्वारा विकसित एंटिना का पहले से इस्तेमाल कर रही है. जापानी नौसेना अपने एडवांस एस्कॉर्ट जहाजों पर पहले से ही इस तरह के एंटिना लगा चुकी है. इस तरह के एंटिना मिसाइल और ड्रोन की हरकतों का आसानी से पता लगाने में सक्षम होते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस एंटिना के उपयोग से संयुक्त रक्षा अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेनाओं में बेहतर तालमेल बन सकेगा. इस एंटिना की मदद से संदशों का आदान प्रदान करना भी आसान होता है.
दोनों देशों के बीच बढ़ेगी रक्षा सहयोग साझेदारी
दोनों देशों के बीच पहले हुई बैठक में रक्षा सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है. ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी बैठक में रक्षा उद्योग साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए ठोस उपाय किए जा सकते हैं. एक्सपर्ट ने बताया कि मंगलवार को होने वाली बैठक में ईस्ट चाइना सी और साउथ चाइना सी की स्थितियों पर भी चर्चा हो सकती है. इसके साथ ही क्वाड सदस्यों के मालाबार अभ्यास पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
पिछली बैठक में क्या हुआ था?
पिछली बार मंत्रिस्तरीय बैठक में दोनों देशों के मंत्रियों ने खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को प्राप्त करने के अपने रणनीतिक लक्ष्यों पर प्रतिबद्धता जताई थी. इस दौरान 'हिंद-प्रशांत पर आसियान दृष्टिकोण' के अपने मजबूत समर्थन को भी दोहराया था. इसके अलावा जापान ने अगले पांच वर्षों में देश की रक्षा क्षमताओं को मौलिक रूप से मजबूत करने का एलान किया है. साथ ही अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के के रक्षा बजट में जरूरी वृद्धि की भी बात कही है.
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