नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने आज दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय संगठन (सार्क) देशों की बैठक में हिस्सा लिया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी शामिल हुए. इस बैठक में कोरोना महामारी से निपटने के लिए सार्क फंड के गठन पर भी बात हुई.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी पड़ोसी पहले की नीति को प्राथमिकता देता है. भारत, दक्षिण एशिया को ज्यादा मजबूत जुड़ाव वाला, सुरक्षित और समृद्ध बनाना चाहता है. विदेश मंत्री ने बताया कि भारत ने सार्क देशों के अपने पड़ोसियों की मुश्किल वक्त में मदद की है. उन्होंने बताया कि भारत ने मालदीव को 150 मिलियन डॉलर, भूटान को 200 मिलियन डॉलर और श्रीलंका को 400 मिलियन डॉलर की मदद साल 2020 में दी है.
वहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस बैठक में कश्मीर का जिक्र नहीं किया. बता दें कि हाल ही में रूस में जब भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधि मिले थे तब पाकिस्तान द्वारा भारत के विवादित नक्शे को पेश करने के विरोध में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बैठक छोड़ दिया था. भारत ने इस नक्शे का कड़े शब्दों में विरोध किया था.
आपातकालीन निधि सार्क देशों के सभी सदस्यों अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भारत, मालदीव, भूटना, नेपाल, श्रीलंका और पाकिस्तान के स्वैच्छिक योगदान पर आधारित है. इस फंड में भारत ने 10 मिलियन डॉलर दिए थे. मालदीव ने इस फंड में 2 लाख डॉलर का योगदान दिया. इस फंड का उपयोग किसी भी सार्क देश द्वारा किया जा सकता है.