Chinese Foreign Ministry Spokesperson Hua Chunying: भारत को जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) का विशेष दर्जा यानी अनुच्छेद 370 हटाए हुए तीन साल हो गए. पाकिस्तान लगातार कश्मीर मुद्दे को उठा रहा है. पाकिस्तान को उम्मीद है कि दुनिया के दूसरे देश उसका कश्मीर मसले को लेकर साथ दे या न दे लेकिन चीन जरूर देगा. चीन ने शुक्रवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे को बातचीत और परामर्श के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए.
बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के निरस्त कर दिया था. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था. जम्मू-कश्मीर का स्पेशल स्टेटस खत्म करने के बाद भारत सरकार ने इसे दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया था.
अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के तीन साल होने के सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने शुक्रवार को कहा कि इस मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाना चाहिए है. संवाददाता सम्मेलम नें हुआ ने पाकिस्तानी पत्रकार से कहा, "कश्मीर के मुद्दे पर, चीन की स्थिति स्पष्ट और सुसंगत है' यह भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास का शेष मुद्दा है और यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक साझा दृष्टिकोण भी है. तीन साल पहले, दरअसल, हमने पहले ही कहा था कि संबंधित पक्षों को संयम और समझदारी दिखाते हुए यथास्थिति को बदलने या तनाव बढ़ाने के लिए एकतरफा कार्रवाई करने से बचना चाहिए. हम दोनों पक्षों से क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए बातचीत और परामर्श के माध्यम से विवाद को सुलझाने का आह्वान करते हैं."
भारत का पक्ष क्या है?
भारत पहले ही कई बार कह चुका कि जम्म-कश्मीर से जुड़ा पूरी तरह से हमारा आंतरिक मामला है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने मार्च कहा था कि ‘चीन सहित किसी अन्य देशों को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें ध्यान देना चाहिए कि भारत भी उन देशों के अंदरूनी मसलों पर सार्वजनिक बयान देने से परहेज करता है.’भारत पाकिस्तान से भी कह चुका कि बहुत बार कह चुका कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग है और हमेशा बना रहेगा.
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