संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान के बारे में बोलते हुए भारत ने कहा कि 'आतंकवादियों का समर्थन' करने वाले देश अपनी कार्रवाई और निष्क्रियता को उचित ठहराते हुए उन्हें 'पनाह' देते रहेंगे. भारत ने सुरक्षा परिषद से संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों और संस्थाओं के खिलाफ अहम प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने का आह्वान भी किया.


सुरक्षा परिषद ने बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जिसमें सदस्य देशों से आतंकवादियों और उनकी गतिविधियों के वित्त पोषण से निपटने के प्रयास तेज करने के लिए कहा गया है.


भारत ने प्रस्ताव स्वीकार किए जाने का स्वागत करते हुए इसे आतंकवाद के वित्त पोषण के अपराधीकरण के लिए प्रमाणिक ढांचा बनाने के वैश्विक प्रयास में 'मील का पत्थर' बताया.


संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने 'आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने और उससे निपटने' पर सुरक्षा परिषद की खुली चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि नई दिल्ली वित्तीय कार्य बल की अनिवार्य भूमिका के प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने का स्वागत करती है.


उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा, ''दुर्भाग्यवश सच्चाई यह है कि आतंकवादियों का समर्थन करने वाले देश अपनी कार्रवाई और निष्क्रियता को उचित ठहराते हुए आतंकवादियों को पनाह देते रहेंगे जैसा कि आज एक आदतन अपराधी ने किया.''


संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने चर्चा के दौरान अपने बयान में कहा, ''यह महत्वपूर्ण है कि एफएटीएफ और 1267 प्रतिबंधों को कुछ देश अपने भू राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए राजनीतिक उपकरणों के तौर पर इस्तेमाल ना करे.'' उन्होंने अपने बयान में जम्मू कश्मीर का भी जिक्र किया.


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