India-Bangladesh Trade: 1971 में भारत ने अपनी सैन्य और आर्थिक ताकत के बल पर बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाई. लेकिन आज की परिस्थितियों में, जब बांग्लादेश खुद भारत से दूरी बनाना चाहता है, उसकी स्थिति संकटपूर्ण हो गई है. अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के पतन और भारत विरोधी ताकतों के सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश में आर्थिक और सामाजिक गिरावट शुरू हो गई है.
आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो बांग्लादेश की भारत पर निर्भरता काफी हद तक है. बांग्लादेश की 94% सीमा भारत से लगती है. इस 4,367 किलोमीटर लंबी सीमा के चलते बांग्लादेश का व्यापार और सुरक्षा भारत पर अत्यधिक निर्भर है. उदाहरण के तौर पर 2022-23 में भारत और बांग्लादेश का कुल व्यापार 16 अरब डॉलर था. इसमें बांग्लादेश का भारत को निर्यात मात्र 2 अरब डॉलर था, जबकि भारत से आयात 14 अरब डॉलर. भारत कपास, अनाज, चीनी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, और इस्पात जैसे उत्पाद पड़ोसी मुल्क भेजता है.
बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग
बांग्लादेश की अगर GDP की बात करें तो उसमें कपड़ा उद्योग का 11 फीसदी योगदान है. इसमे से भारत अपने कुल कपास उत्पादन का 35 फीसदी बांग्लादेश को निर्यात करता है. इस तरह से अगर भारत कपास निर्यात रोक दे, तो बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग ठप हो सकता है. वहीं इस साल अगस्त से अब तक, बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को 2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है, जिसकी वजह से जीडीपी वृद्धि दर, जो पहले 6.3 प्रतिशत थी, अब 5 से भी कम होने का अनुमान है. इसके अलावा प्रति व्यक्ति आय में गिरावट और महंगाई में उछाल ने हालात और खराब कर दिए हैं.
बांग्लादेश पर चीन और पाकिस्तान का प्रभाव
पाकिस्तान और चीन बांग्लादेश को भारत के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. बांग्लादेश ने हाल ही में 25,000 टन चीनी पाकिस्तान से मंगाई, लेकिन इसकी कीमत भारत के मुकाबले अधिक थी. चीन और पाकिस्तान बांग्लादेश को परमाणु तकनीक देने का लालच दे रहे हैं, लेकिन इससे बांग्लादेश को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.