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ब्रिक्स में आतंकवाद से जुड़ी चिंताएं मजबूती से उठा सकता है भारत
भारत की मेजबानी में आयोजित पिछले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी ने पाकिस्तान को दुनिया भर के आतंकवाद की ‘जननी’ (जन्म देने वाला) कहा था.
नई दिल्ली: चीन की मेजबानी में अगले हफ्ते होने जा रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत आतंकवाद से जुड़ी अपनी चिंताएं मजबूती से उठा सकता है. कल चीन ने कहा था कि आतंकवाद से मुकाबले में पाकिस्तान का रिकॉर्ड कोई ऐसा विषय नहीं है जिस पर ब्रिक्स के मंच से चर्चा की जाए.
बहरहाल, भारत ने इस बात से इनकार नहीं किया कि सोमवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात होने की संभावना है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि ऐसे बहुपक्षीय मंचों के इतर द्विपक्षीय मुलाकातें सामान्य चलन है.
हालांकि, रवीश ने संभावित मुलाकात का ब्यौरा देने से इनकार करते हुए कहा कि वह चीन की तरफ से आमंत्रित ब्रिक्स के नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुलाकातों के समय के बारे में या अन्य जानकारी नहीं दे सकते.
मोदी तीन सितंबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए चीन रवाना होंगे. सम्मेलन की शुरूआत चार सितंबर को होगी, जहां से मोदी म्यांमा जाएंगे और सात सितंबर को भारत लौटेंगे.
रवीश ने यह भी कहा कि वह पहले से यह नहीं बता सकते कि प्रधानमंत्री मोदी जियामिन में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान क्या बोलेंगे. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर अपनी चिंताएं मजबूती से उठा सकता है.
भारत की मेजबानी में आयोजित पिछले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी ने पाकिस्तान को दुनिया भर के आतंकवाद की ‘जननी’ (जन्म देने वाला) कहा था.
यह पूछे जाने पर कि अन्य नेताओं के साथ चर्चा के दौरान डोकलाम मुद्दे का भी जिक्र होगा, इस पर रवीश ने कहा कि अभी इस बारे में अटकलें लगाना जल्दबाजी होगी. डोकलाम गतिरोध सुलझने के बाद दोनों देश पहली बार शीर्ष स्तर पर बात करने वाले हैं.
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प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
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