Canada India Tension: नाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का खालिस्तानी प्रेम एक बार फिर सामने आया है. उनके करीबी और लिबरल पार्टी के सांसद सुखमिंदर उर्फ सुख सिंह धालीवाल को रविवार (1 अक्टूबर) को सरे गुरुद्वारे में देखा गया. यह वही गुरुद्वारा है जो भारत और कनाडा के बीच तनाव का राजनयिक केंद्र है. इसी गुरुद्वारे के बाहर अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 को हत्या हुई थी. वह इसका अध्यक्ष भी था.
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, सुख सिंह धालीवाल ने कनाडा और उत्तरी अमेरिका के अन्य हिस्सों से रविवार को खालिस्तान समर्थक रैली के लिए आए सिखों का समर्थन मांगने के लिए गुरुद्वारे का दौरा किया था. News18 से बात करते हुए, धालीवाल ने कहा था कि निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है, इसे लेकर ट्रूडो के पास विश्वसनीय जानकारी और सबूत हैं.
धालीवाल ने दोहराई पीएम ट्रूडो की बात
थालीवाल ने आगे कहा, मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि जब प्रधानमंत्री ट्रूडो कोई बयान देते हैं तो वह बहुत विश्वसनीय होते हैं. वह बिना किसी सबूत के ऐसा नहीं करते. मुझे खुशी है कि कोई कनाडा के लिए बोल सकता है. वहीं, निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाने के बाद नई दिल्ली के आग्रह के बावजूद कनाडाई सरकार ने अब तक कोई सबूत नहीं दिया है, यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले में कनाडाई पुलिस की ओर से कोई एफआईआर या संदिग्धों की सूची है, धालीवाल ने कहा कि “केवल समय ही बताएगा. इस बिंदु पर मैं कह सकता हूं कि पीएम को जानकारी दी गई थी, और उन्होंने बात की. यही असली नेतृत्व है. कनाडा में न्याय प्रणाली बहुत निष्पक्ष है. उनके पास ऐसी विश्वसनीय जानकारी है जिसने पीएम को यह कहने पर मजबूर कर दिया है.”
निज्जर से मुलाकात की बात पर किया टालमटोल
धालीवाल ने 2019 में निज्जर से उस समय मुलाकात की पुष्टि की है जब उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किया गया था. धालीवाल इस बात पर टालमटोल करते रहे कि क्या उन्होंने एक सांसद के रूप में सरकारी अधिकारियों को निज्जर के बारे में सचेत किया था जब उसे 2020 में भारत की ओर से आतंकवादी घोषित किया गया था.
पिछले महीने कनाडा के पीएम ने लगाए थे भारत पर आरोप
बता दें कि 11 सितंबर 2023 को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में बयान दिया था कि अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के हाथ होने के सबूत मिले हैं. इस बयान के कुछ देर बाद ही उन्होंने भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया था. जवाब में भारत ने भी कनाडा के एक डिप्लोमैट को यहां से हटा दिया था. तब से ही दोनों देशों के बीच रिश्तों में कड़वाहट बनी हुई है.
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