India Canada Tension: भारत और कनाडा के संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच पहली बार अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने मंगलवार (15 अक्टूबर) को भारत से कनाडा की ओर से हत्या की साजिश के आरोपों को गंभीरता से लेने का आह्वान किया.


अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मीडिया में कहा, "जहां तक ​​कनाडा के मामले की बात है, हमने स्पष्ट कर दिया है कि आरोप बेहद गंभीर हैं और उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत है और हम चाहते हैं कि भारत सरकार कनाडा के साथ इसकी जांच में सहयोग करे." उन्होंने इस मामले में भारत के कदम को लेकर कहा कि स्पष्ट रूप से, उन्होंने ऐसा नहीं किया है. उन्होंने एक वैकल्पिक रास्ता चुना है.


सोमवार को बढ़ गया था तनाव


भारत और कनाडा के बीच सोमवार से तनाव बढ़ा है. दरअसल, दोनों ही देशों ने सोमवार को एक-दूसरे के राजदूतों को निष्कासित कर दिया था. इसकी शुरुआत ओटावा के उस आरोप के बाद हुई, जिसमें कहा गया कि सिख अलगाववादियों के खिलाफ अभियान में भारत शामिल है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसे लेकर कहा था कि भारत ने इसमें गलती की है. यही नहीं कनाडा ने आरोप लगाया कि भारत सरकार पिछले साल खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल थी, 


भारत के सहयोग से खुश है यूएस


बता दें कि अमेरिका ने भी अपनी धरती पर भारत की ओर से इसी तरह की गतिविधि को लेकर कुछ महीने पहले शिकायत की थी. तब अमेरिका ने एक खालिस्तानी समर्थक की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था. हालांकि अमेरिका ने इस मामले को काफी अच्छे से हैंडल करते हुए चुपचाप इंतजार किया है. अमेरिकी आरोपों के जवाब में गठित एक भारतीय जांच समिति मामले पर चर्चा करने के लिए मंगलवार (15 अक्टूबर 2024) को वॉशिंगटन में थी. 


क्या कहा है अमेरिका ने


भारत ने इस मामले में अमेरिका को सूचित किया है कि वे पूर्व सरकारी कर्मचारी के अन्य संबंधों की जांच करने के अपना प्रयास कर रही है और आवश्यकतानुसार जो भी जरूरी कदम होंगे वे उठाए जाएंगे. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भारत के बारे में कहा, "मुझे लगता है कि उन्होंने यहां एक जांच समिति भेजी है, यह दर्शाता है कि वे इसे गंभीरता से ले रहे हैं."