India-Canada Row: भारत और कनाडा के रिश्तों में बीते कुछ महीनों में दरार आई है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह खालिस्तान के आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या है. इसी बीच हत्या की मामले के जांच को लेकर कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने शनिवार (4 नवंबर) को कहा कि जांच पहले ही दागदार हो चुकी है. इस मामले में हाई लेवल के कनाडाई अधिकारी के तरफ से दिए गए बयानों ने जांच में नुकसान पहुंचाया है.


आपको बता दें कि 13 सितंबर को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ है. इसके बाद भारत ने आरोप को मानने से इनकार कर दिया और कहा कि कनाडाई पीएम का बयान बेतुका है. इसी मामले पर कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने बात करते हुए ग्लोब एंड मेल को बताया कि ब्रिटिश कोलंबिया में जून में हरदीप सिंह की हत्या में कनाडा की पुलिस जांच को नुकसान हुआ है.


कनाडा ने पेश नहीं किए सबूत
कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने हरदीप सिंह निज्जर हत्या मामले की जांच को लेकर दावा किया कि हाई लेवल के किसी कनाडाई अधिकारी के तरफ से ये कहने का निर्देश आया है कि इसके पीछे भारत या भारतीय एजेंट हैं. हालांकि, संजय कुमार वर्मा ने उच्चस्तरीय अधिकारी का नाम का खुलासा नहीं किया. उन्होंने कहा कि कनाडा या कनाडा के सहयोगियों ने भारत को इस बात के ठोस सबूत नहीं दिखाए हैं कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे.


कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर को अपने एक पुराने बयान में कहा था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां ​​​​सक्रिय रूप से भारत सरकार के एजेंटों और निज्जर की मौत के बीच संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोपों का जांच कर रही है. आपको बता दें कि निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया, जिसके बाद भारत ने ओटावा को अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने का आदेश दिया और बाद में कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया.


भारत और कनाडा की व्यापार संधि  
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हत्या मामले पर भारत ने कनाडा से सबूत की मांग की, लेकिन कनाडा अब तक कोई सबूत पेश नहीं कर पाया है. इस मामले के बाद भारत ने वीजा को लेकर भी काम बंद कर दिया था, लेकिन बाद में भारत ने इसे शुरू भी कर दिया. इसके अलावा सितंबर में कनाडा ने भारत के साथ प्रस्तावित व्यापार संधि पर रोक लगा दी थी. हालांकि, इसके ठीक तीन महीने बाद दोनों देशों ने कहा कि उनका लक्ष्य इस साल एक प्रारंभिक समझौते पर मुहर लगाना है.


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