कनाडा के राजनयिकों को वापस भेजने पर ब्रिटेन ने जताई असहमति, कहा- 'भारत से उम्मीद है कि वो...'
India Canada Row: कनाडा के राजनयिकों को वापस भेजने के भारत सरकार के फैसले पर ब्रिटेन ने कहा है कि इससे राजनयिक संबंधों को लेकर वियना संधि के प्रभावी अमल पर असर पड़ा है.
India-Canada Row: सिख अलगाववादी की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच जारी गतिरोध के मद्देनजर कनाडाई राजनयिकों को नई दिल्ली छोड़नी पड़ी है. इस बीच कनाडा के राजनयिकों को वापस भेजने के भारत सरकार के फैसले पर ब्रिटेन ने अपनी असहमति व्यक्त की है.
ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को एक बयान में कहा है कि इस कदम से राजनयिक संबंधों को लेकर वियना संधि के प्रभावी अमल पर असर पड़ा है.
'भारत सरकार के लिए गए निर्णयों से सहमत नहीं हैं'
एफसीडीओ के बयान में कहा गया, "मतभेदों को सुलझाने के लिए संबंधित राजधानियों में संवाद और राजनयिकों की आवश्यकता होती है. हम भारत सरकार के लिए गए निर्णयों से सहमत नहीं हैं जिनके परिणामस्वरूप कई कनाडाई राजनयिकों को भारत छोड़ना पड़ा."
बयान में कहा गया, "हम उम्मीद करते हैं कि सभी राष्ट्र राजनयिक संबंधों पर 1961 की वियना संधि के तहत अपने दायित्वों को बरकरार रखेंगे. राजनयिकों को सुरक्षा प्रदान करने वाले विशेषाधिकारों और छूट को एकतरफा हटाना वियना संधि के सिद्धांतों या प्रभावी कामकाज के अनुरूप नहीं है. हम हरदीप सिंह निज्जर की मौत की स्वतंत्र जांच में कनाडा के साथ जुड़ने के लिए भारत को प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे."
इससे पहले कनाडा ने कहा था कि उसने सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की जून में हुई हत्या में भारतीय एजेंट के शामिल होने के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के दावों पर राजनयिकों का दर्जा एकतरफा रद्द करने की भारत की चेतावनी के बाद 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है.
अमेरिका ने किया कनाडा का समर्थन
अमेरिका ने भी गतिरोध पर कनाडा का समर्थन किया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वह भारत से कनाडाई राजनयिकों की वापसी से चिंतित है. उसने उम्मीद जताई कि भारत राजनयिक संबंधों पर 1961 की वियना संधि के तहत अपने दायित्वों का पालन करेगा. भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों की देश से वापसी को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में पेश करने की कनाडा की कोशिशों को शुक्रवार को खारिज कर दिया.
'वियना संधि के किसी उल्लंघन से इनकार'
भारत के विदेश मंत्रालय ने निज्जर के मारे जाने की घटना में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के आरोप को खारिज किया है और राजनयिकों की वापसी के संबंध में वियना संधि के किसी उल्लंघन से भी इनकार किया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दो-तरफा राजनयिक समानता सुनिश्चित करना राजनयिक संबंधों को लेकर हुई वियना संधि के प्रावधानों के अनुरूप है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम समानता के कार्यान्वयन को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में पेश करने के किसी भी प्रयास को खारिज करते हैं."
मंत्रालय ने कहा, "हमारे द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति, भारत में कनाडाई राजनयिकों की बहुत अधिक संख्या और हमारे आंतरिक मामलों में उनका निरंतर हस्तक्षेप नई दिल्ली और ओटावा में पारस्परिक राजनयिक उपस्थिति में समानता को वांछित बनाता है."
फाइव आइज का हिस्सा हैं ब्रिटेन और अमेरिका
ब्रिटेन और अमेरिका दोनों ‘फाइव आइज’ नेटवर्क का हिस्सा हैं. यह एक खुफ़िया गठबंधन है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं. यह निगरानी-आधारित और सिग्नल इंटेलिजेंस (एसआईजीआईएनटी) दोनों का उपयोग करता है.
भारत ने आरोपों को किया खारिज
इस साल जून में खालिस्तानी अलगाववादी नेता और भारत में वांछित आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट के शामिल होने को लेकर कनाडा की संसद में ट्रूडो के आरोप लगाए जाने के बाद दोनों पक्षों के बीच राजनयिक तनाव पैदा गया था. भारत ने कनाडा के आरोपों को दृढ़ता से खारिज किया था.
ट्रूडो ने शुक्रवार को ओंटारियो के ब्राम्पटन में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत सरकार, भारत और कनाडा में लाखों लोगों के लिए जीवन को सामान्य रूप से जारी रखना अविश्वसनीय रूप से कठिन बना रही है. और वे कूटनीति के एक बहुत ही बुनियादी सिद्धांत का उल्लंघन करके ऐसा कर रहे हैं.
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