India-Canada Row: इस वक्त भारत और कनाडा के रिश्ते में तनाव पैदा हो गया है, जिसके लिए पूरी तरह से कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जिम्मेदार हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय उच्चायुक्त की भी सांठ-गाठ है. हालांकि, इस बीच एक ऐसी जानकारी सामने आई है, जो कनाडा के काली करतूतों का सबूत पेश करता है.


ग्लोबल एंड मेल की रिपोर्ट के मुताबिक पीएम ट्रूडो की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मामलों के डिप्टी मंत्री ने भारत से जुड़ी संवेदनशील जानकारी अमेरिकी न्यूज पेपर वाशिंगटन पोस्ट को दी थी. ये काम उन्होंने कनाडाई पुलिस की तरफ से भारत पर विन्निपेग में सिख नेता सुखदूल गिल की हत्या में शामिल होने के आरोप लगाने के पहले दिया था.


कनाडाई पुलिस Royal Canadian Mounted Police (RCMP) ने भारत के एजेंटों के खिलाफ देश में मर्डर करने और जबरन पैसा ऐंठने और हिंसक कामों में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाया था. हाल ही में चुनावी प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर जस्टिन ट्रूडो ने बयान दिया था. उन्होंने सार्वजनिक जांच के दौरान बताया था कि 2023 में कनाडा की सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) ने भारत और चीन को विदेशी हस्तक्षेप के प्रमुख अपराधियों के रूप में माना है. हालांकि, मुद्दे तब और गंभीर हो गया, जब वॉशिंगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट में कहा कि कनाडा के शीर्ष सुरक्षा और खुफिया सलाहकारों ने भारत सिख नेता सुखदूल गिल की हत्या के लिए जिम्मेदार है.






कनाडा का भारत पर बेबुनियाद आरोप
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के कमिश्नर माइक ड्यूहेम और सहायक आयुक्त ब्रिगिट गौविन ने पिछले साल 14 अक्टूबर 2023 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनके पास भारतीय अधिकारियों को हिंसक अपराधों में शामिल करने के स्पष्ट सबूत हैं. हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने कोई अधिक जानकारी नहीं दी और न ही ये माना की गिल की हत्या का सीधा संबंध भारत से है.  भारत ने आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया और कहा कि कनाडा ने बिना कोई ठोस सबूत के ही हमें बदनाम करने की कोशिश की है.
 
भारत पर निज्जर हत्याकांड का आरोप
हाल ही में जब कनाडा ने भारत पर निज्जर हत्याकांड को लेकर आरोप लगाया तो देश की सरकार ने तुरंत अपने उच्चायुक्तों को वापस बुलाने की घोषण की. इसके अलावा देश ने 6 कनाडाई अधिकारियों को 19 अक्टूबर तक देश छोड़ने का आदेश सुना दिया था. इसकी वजह से दोनों देशों के रिश्ते अपने सबसे निचले स्तर पर आ गए.


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