India-Canada Row: भारत के एक्शन से बैकफुट पर कनाडा, ट्रैवल एडवाइजरी करनी पड़ी अपडेट, जानें पहले क्या कहा और अब क्या बोला
India-Canada: कनाडा सरकार ने भारत की तरफ से जारी यात्रा सलाह को खारिज करते हुए कहा कि यह दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक है.
India-Canada Row: कनाडा ने भारत में अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी को अपडेट किया है और उनसे हाल के घटनाक्रमों के संदर्भ में सतर्क रहने और सावधानी बरतने को कहा है. सोशल मीडिया पर कनाडा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान और कुछ नकारात्मक चीजें जारी करने के बाद ऐसा फैसला लिया गया है.
ग्लोबल न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा का ट्रैवल एडवाइजरी का फैसला भारत की ओर से कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए इसी तरह का परामर्श जारी करने और पिछले सप्ताह के अंत में वीजा सेवाओं को रोकने के बाद आया है.
कनाडा सरकार ने रविवार (24 सितंबर) को एक अपडेट में कहा कि कनाडा और भारत में हाल के घटनाक्रमों के संदर्भ में विरोध प्रदर्शन के आह्वान और सोशल मीडिया पर कनाडा के प्रति कुछ नकारात्मक भावनाएं हैं. कृपया सतर्क रहें और सावधानी बरतें.
भारत सरकार की ट्रैवल एडवाइजरी
भारत सरकार ने भी अपनी तरफ से ट्रैवल एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें नागरिकों से सावधानी बरतने के लिए कहा था. भारत ने अपनी ट्रैवल एडवाइजरी कनाडा के फैसले के बाद जारी की थी. कनाडा में खालिस्तानी नेता ने बड़े टकराव की धमकी दी थी. वहीं भारत सरकार ने भरोसा जताते हुए कहा कि भारत का उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास कनाडा में रह रहे भारतीय समुदाय की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए कनाडाई अधिकारियों के साथ संपर्क में रहेगा.
हालांकि कनाडा सरकार ने भारत के तरफ से जारी यात्रा सलाह को खारिज करते हुए कहा कि यह दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक है. वहीं कनाडा ने शुरू में ट्रैवल एडवाइजरी में अपने नागरिकों को अप्रत्याशित सुरक्षा स्थिति के कारण केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की यात्रा से बचने के लिए कहा था.
भारत सरकार पर लगाए संगीन आरोप
ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को 45 वर्षीय खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय जासूसों की संभावित संलिप्तता के संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के अति गंभीर आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया.
भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था. भारत ने इन आरोपों को बेतुका कहकर खारिज कर दिया और इस मामले पर एक भारतीय राजनयिक के निष्कासन की जवाबी कार्रवाई में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया.