India-Canada Diplomatic Row: भारत और कनाडा के बीच बीते कुछ दिनों से खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर विवाद चल रहा है. आपको बता दें कि बीते 13 सितंबर को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय खुफिया एजेंसी का हाथ है.
इसी बीच खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के मर्डर से जुड़ा एक वीडियो सामने आने की बात की जा रही है. वाशिंगटन पोस्ट ने वीडियो का हवाला देते हुए जानकारी दी कि निज्जर की हत्या गुरुद्वारे के पार्किंग के पास हुई थी. इस मर्डर में कम से कम छह लोग शामिल थे, जिनके पास दो गाड़ियां थीं.
वीडियो जांचकर्ताओं के साथ साझा किया गया
वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कनाडा के स्थानीय सिख समुदाय के सदस्यों का कहना है कि अधिकारियों ने उन्हें गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के बाहर 18 जून को हुई हत्या की जांच के बारे में बहुत कम बताया है. उनका कहना है कि पुलिस घटनास्थल पर देर में पहुंची. इस देरी के पीछे पुलिस और एजेंसियों के बीच असहमति बताई जा रही है. गुरुद्वारे के पास के कई व्यवसाय मालिकों और निवासियों का कहना है कि जांचकर्ता सवाल पूछने या सिक्योरिटी कैमरे की तलाशी करने के लिए नहीं आए हैं.निज्जर की हत्या गुरुद्वारे के सिक्योरिटी कैमरे में कैद हो गई.
वीडियो जांचकर्ताओं के साथ साझा किया गया है. वाशिंगटन पोस्ट ने दावा किया है कि उनकी तरफ से 90 सेकंड की वीडियो रिकॉर्डिंग की समीक्षा की गई, जिसमें निज्जर के ग्रे पिकअप ट्रक को पार्किंग स्थान से बाहर निकलते हुए दिखाया गया. उसके कार के बगल में एक सफेद सेडान दिखाई देती है, जो ट्रक के बराबर में चलती है.
कनाडा के स्थानीय सिख समुदाय के सदस्यों का कहना है कि जांचकर्ताओं ने उन्हें बताया है कि हमलावरों ने लगभग 50 गोलियां चलाईं थी, जिनमें से निज्जर को 34 गोलियां लगी थी. हर जगह खून और टूटा हुआ शीशा जमीन पर पड़ा था. जमीन गोलियों से छलनी थी. उसी दौरान गुरुमीत सिंह तूर नाम के एक अन्य गुरुद्वारा नेता अपने पिकअप ट्रक में आते हैं और निज्जर को गाड़ी में बिठाकर बंदूकधारियों का पीछा करने के लिए निकल पड़ते हैं.
सेडान कार हरदीप सिंह निज्जर के ट्रक रुकी
सेडान कार हरदीप सिंह निज्जर के ट्रक के सामने ब्रेक लगाती है. इसके बाद हुड वाली स्वेटशर्ट पहने दो आदमी ट्रक की ओर बढ़ते हैं. उसी वक्त भूपिंदरजीत सिंह नाम के गुरुद्वारे के एक स्वयंसेवक पार्किंग से लगभग 100 गज की दूरी पर स्थित कबड्डी पार्क में फुटबॉल खेल रहे थे.
उन्होंने पहली बार गोलीबारी की आवाज सुनी. इसके बाद वो निज्जर के गाड़ी के पास जाते हैं. वो निज्जर के ट्रक तक पहुंचने वाले पहले गवाह थे. उन्होंने ड्राइवर साइड का दरवाज़ा खोला और निज्जर के कंधे को पकड़ लिया. उन्हें उस वक्त महसूस किया कि निज्जर सांस नहीं ले पा रहे थे.
उसी समय मलकीत सिंह नाम के एक दूसरे व्यक्ति घटनास्थल पर पहुंच जाते हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हमला किया, वे उसे नहीं पहचानते थे. जांचकर्ता को मलकीत सिंह ने जानकारी दी कि हमलावरों में एक सिख गेट-अप में था. बाकी लोगों ने सिर पर छोटे-छोटे पग वाले हुडी के साथ दाढ़ी वाले चेहरे का मुखौटा पहन रखा था.
हमलावरों का चेहरा नहीं देख पाए मलकीत सिंह
मलकीत सिंह ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि हमलावरों में एक पांच फीट से अधिक लंबा और भारी शरीर वाला था. उसे भागने में तकलीफ हो रही थी. वहीं दूसरा व्यक्ति लंबा और दुबला था. वे लोग गोली मारने के बाद पार्क से बाहर एक पुलिया की ओर भागे, जहां पर उनका इंतजार सिल्वर कार में बैठे लोग कर रहे थे. सिल्वर रंग की कार में तीन लोग बैठे थे.
मलकीत सिंह उनका चेहरा नहीं देख पाए. उन्होंने कहा कि दौड़ने वाले में से एक ने कार में बैठने से ठीक पहले मुझ पर अपनी पिस्तौल तान दी थी. आस-पास की हवा में बारूद की गंध फैली हुई थी, जिससे मैं चौंक गया.
पुलिस की आपस में हुई बहस
घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों ने द पोस्ट को बताया कि गोलियों की आवाज के बाद पुलिस अधिकारियों को पहुंचने में 12 से 20 मिनट का समय लगा. गुरुद्वारा समुदाय के सदस्यों ने पुलिस के देरी पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि जिस इलाके में हत्या हुई उस इलाके में नियमित रूप से बड़ी संख्या में पुलिस वाले गश्त करते हैं. इसके बावजूद इतनी देरी क्यों हुई.
हालांकि, घटनास्थल पर पुलिस के पहुंचने के बाद सरे पुलिस और Royal Canadian Mounted Police (RCMP) के बीच घंटो तक इस बात पर बहस हुई कि जांच का नेतृत्व कौन करेगा.
भारत में खालिस्तान आंदोलन गैरकानूनी
आपको बता दें कि 45 वर्षीय हरदीप सिंह निज्जर एक खालिस्तानी आंदोलन का नेता था, जिसका उद्देश्य भारत के पंजाब क्षेत्र में एक स्वतंत्र सिख राज्य स्थापित करना था. हालांकि,भारत में खालिस्तान आंदोलन गैरकानूनी है.
भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने साल 2022 जुलाई में निज्जर पर पंजाब में एक हिंदू पुजारी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया और उन्हें भगोड़ा आतंकवादी करार दिया. उनके परिवार ने कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी.