India Canada Diplomatic Row: सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे को लेकर भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है. इस क्रम में मंगलवार (15 अक्टूबर) को संकट और गहरा गया जब कनाडा की सरकार ने भारत के खिलाफ संभावित प्रतिबंधों का इशारा किया. दोनों देशों में तनाव बढ़ने के बीच कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने भारत के खिलाफ पाबंदी लगाने की संभावना को खारिज नहीं किया और कहा कि सभी विकल्प विचाराधीन हैं. 


इससे पहले भारत ने सोमवार (14 अक्टूबर) को 6 कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. इसके अलावा चरमपंथी निज्जर की हत्या में भारतीय राजनयिक का नाम जोड़ने के कनाडा के आरोपों को खारिज किया. भारत ने बाद में वहां से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की भी घोषणा की.


कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने इसके बाद प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि ये वाकई एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. राजनयिकों को निष्कासित करना वियना समझौते के तहत किसी देश द्वारा उठाए जा सकने वाले सबसे कठोर कदमों में से एक है.


निज्जर हत्याकांड में भारत के खिलाफ कनाडा के बयान
कनाडा ने निज्जर हत्याकांड में भारत पर जिस तरह से बेतुके बयान दिए हैं, वो वाकई दोनों देशों के रिश्तों पर गहरा असर डाल रहा है. इस बीच कनाडा ने भारत पर बैन लगाने की भी बात कह दी है. हालांकि, अगर ऐसा होता है तो भारत के पास कई ऐसे विकल्प हैं, जिससे कनाडा को ईंट का जवाब पत्थर से मिल सकता है.


भारत कई तरीकों से कनाडा को दे सकता है जवाब
भारत और कनाडा के बीच हालिया तनावपूर्ण संबंधों के मद्देनजर भारत के पास कई संभावित विकल्प हैं, जो कनाडा की अर्थव्यवस्था और खालिस्तान समर्थकों पर प्रभाव डाल सकते हैं.



  • फिलहाल 1.25 लाख भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे हैं. अगर भारत अपने छात्रों को कनाडा में पढ़ने से रोकता है, तो कनाडा की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा. भारतीय छात्रों से कनाडा को अरबों रुपये की फीस मिलती है, जो उनकी एजुकेशन सिस्टम का एक प्रमुख आर्थिक स्तंभ है.

  • भारत उन भारतीय मूल के नागरिकों का ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड रद्द कर सकता है, जो खालिस्तान समर्थकों के प्रति सहानुभूति रखते हैं. यह कदम कनाडा में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों पर सीधा असर डाल सकता है.

  • भारत खालिस्तान समर्थकों की संपत्ति के अधिकार को खत्म कर सकता है. साथ ही, उनके खिलाफ वीजा प्रक्रिया में देरी कर सकता है या जांच शुरू कर सकता है.

  • भारत मल्टीपल-एंट्री वीजा को रोक सकता है, जो कनाडा में रह रहे संदिग्ध खालिस्तान समर्थकों को प्रभावित करेगा. इसका सीधा प्रभाव कनाडाई-भारतीय समुदाय पर पड़ सकता है.

  • अगर कनाडा भारत पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाने पर विचार करता है तो भारत भी उसी तरह का कदम उठा सकता है. इसका नुकसान कनाडा को अधिक होगा, क्योंकि कनाडा की अर्थव्यवस्था भारत के साथ व्यापार पर काफी हद तक निर्भर है.


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