Hinduphobia Petition: कनाडा में आए दिन हिंदू विरोधी गतिविधि सामने आ रही है. कई ऐसे मामले हैं, जिसमें खालिस्तान समर्थकों ने गुरुद्वारे या किसी सार्वजनिक जगह पर हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाया है. भारतीय राजनयिकों के साथ भी कनाडा में कई जगहों पर बदसलूकी की गई है.
हिंदूफोबिया को लेकर एक याचिका का जवाब देते हुए कनाडाई सरकार ने संसद में कहा, "हम सभी तरह की नफरत और भेदभाव को खारिज करते हैं और मानते हैं कि लोगों को इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए." सरकार की इस प्रतिक्रिया से याचिका दर्ज कराने वाले लोग निराश हुए हैं. याचिका को दर्ज करने वाले विजय जैन ने कहा, "सरकार की प्रतिक्रिया हताश और परेशान करने वाली है."
क्या है हिंदूफोबिया?
आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाए थे. इसके बाद से ही कनाडा में हिंदूओं का जीना मुहाल हो गया है. हिंदूफोबिया शब्द को हिंदूओं के प्रति पूर्वाग्रह, धर्म के अस्तित्व को नकारने के तौर पर देखा जाता है.
विजय जैन ने कहा, "कनाडा की मानवाधिकार संहिता की ओर नजर तब डाली जाती है जब बात इस्लामोफोबिया, एंटी सेमेटिज्म की होती है. इससे साफ झलकता है कि कनाडा में हिंदूओं के साथ भेदभाव हो रहा है." कनाडा में किसी याचिका पर सरकार की ओर से जवाब मांगने के लिए कम से कम याचिका में 500 लोगों का हस्ताक्षर अनिवार्य है. विजय जैन की याचिका पर 25,794 लोगों के हस्ताक्षर थे.
याचिका में क्या लिखा था?
विजय जैन की याचिका को 81 समुदायिक संगठनों का साथ था. इसमें एक वीडियो का जिक्र किया गया है.वीडियो को सिख फॉर जस्टिस संगठन ने जारी किया था. वीडियो में संगठन के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारतीय हिंदूओं को देश छोड़ने के लिए कहा था.
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