Canada: कनाडा में खालिस्तान समर्थक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. गुरुद्वारे को खालिस्तान समर्थकों ने वैंकूवर में भारतीय मिशन की ओर से आयोजित एक कांसुलर शिविर को बाधित करने की कोशिश की. इस घटना के बाद भारत ने कनाडा को वियना कन्वेंशन का पालन करने को कहा. जिसके अनुसार, राजनयिकों को अपने कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति मिलनी चाहिए .
वैंकूवर की घटना पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कनाडा में हमारा उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास नियमित रूप से कांसुलर शिविरों का आयोजन करते हैं. ऐसा ही एक शिविर पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए 12 नवंबर को वैंकूवर के पास आयोजित किया गया था. जहां कुछ कट्टरपंथी तत्वों ने परेशानी पैदा करने की कोशिश की, इसके बावजूद यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया.
भारत ने वियना कन्वेंशन को दिलाया याद
भारत के विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत ने कनाडा को समझा दिया कि वियना कंवेन्शन का पालन करें. ताकि उसके अधिकारी बिना किसी रोक-टोक के ठीक से काम कर सकें. कनाडा में दिवाली समारोह के दौरान भारतीय समुदाय पर कथित हमले के बारे में पूछे जाने पर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली. मैंने इस तरह की कुछ सोशल मीडिया रिपोर्टें देखीं थी.
क्या है वियना संधि
वियना संधि के तहत दूसरे देश में रहने वाले राजनयिकों को उनके रहने और यात्रा के दौरान कोई खतरा नहीं होना चाहिए. गौरतलब है कि 1961 में वियना संधि हुई थी. इसका मकसद दो देशों के बीच राजनयिक रिश्तों को मजबूत करना है. ऑस्ट्रिया के वियना में ये संधि हुई थी, जिसमे 192 देश शामिल हुए थे.
सिख फॉर जस्टिस ने दी है चेतावनी
गौरतलब है कि गुरुवार को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी भारतीय पेंशनधारकों को जीवित प्रमाण पत्र जारी कर रहे थे. इस दौरान कुछ खालिस्तान समर्थकों ने हंगामा कर दिया. जिसके बाद दूतावास के अधिकारियों को स्थानीय पुलिस ने भीड़ से बचाते हुए सुरक्षित स्थान पर भेज दिया. हालांकि खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में भारतीय दूतावास के कामकाम में ऐसी ही बाधा डालेंगे.