India Canada Tension: कनाडाई संसद में सांसद मेलिसा लैंट्समैन ने एक याचिका पेश किया जिसमें कहा गया की कनाडा में हिंदूफोबिया पनप रहा है. सदन में मेलिसा लैंट्समैन ने कहा कि हिंदू समुदाय ने अपने पूजा स्थलों पर हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते हमले का अनुभव किया है. 


संसद में भाषण के दौरान मेलिसा कहती हैं, इस देश में हर कोई पूजा करने के लिए भय, हिंसा, उत्पीड़न और बर्बरता से मुक्त एक सुरक्षित स्थान का हकदार है, चाहे वह कैसा भी दिखे." उन्होंने कहा, "कनाडाई हिंदुओं को कार्यस्थल पर, स्कूलों में और अपने समुदायों में बढ़ती नकारात्मक रूढ़िवादिता, पूर्वाग्रह, भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. जबकि परंपराओं और संस्कृतियों को गलत तरीके से पेश किया जाता है और गलत समझा जाता है."


इस याचिका को कनाडा के सभी प्रमुख मंदिरों के साथ-साथ 80 सामुदायिक संगठनों का समर्थन हासिल है. याचिका में सदन से हिंदू-विरोधी पूर्वाग्रह और भेदभाव करने के लिए सदन की शब्दावली में हिंदूफोबिया शब्द जोड़ने का बात कही गई है. 


कनाडा छोड़ने की दी गई थी धमकी


आंतकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने सितंबर में एक वीडियो के जरिए भारतीय मूल के हिंदुओं को निशाना बनाया था. संगठन के प्रमुख गुरपतवंत पन्नू ने कहा था कि हिंदूओं कनाडा छोड़ो, भारत जाओ. हिंदुओं को टारगेट करते हुए गुरपतवंत ने कहा था, आप लोग न केवल भारत का समर्थन करते हैं बल्कि आप खालिस्तान समर्थक सिखों के भाषण और अभिव्यक्ति के दमन का भी समर्थन कर रहे हैं. 


इसके साथ ही गुरपतवंत पन्नू ने कहा कि भारतीय हिंदू हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का जश्न मना रहे हैं. सिख फॉर जस्टिस के अलावा कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें कनाडा में कई हिंदुओं को निशाना बनाया गया और देश छोड़ने की बात कही गई.


'मुसलमान और यहूदियों की तरह हिंदुओं को भी होती है तकलीफ'


इसी साल लिबरल पार्टी के सांसद चंद्र आर्य ने सदन में बोलते हुए कहा था, "जैसे इस्लामोफोबिया और यहूदी-विरोधी भावना के कारण हमारी मस्जिदों और इबादतगाहों के खिलाफ हेट क्राइम होते हैं. इसकी वजह हमारे मुस्लिम और यहूदी भाइयों और बहनों को तकलीफ होती है. हिंदू कनाडाई भी बढ़ते हिंदूफोबिया के कारण उसी दर्द का अनुभव कर रहे हैं.


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