India Canada Relations: भारत से विवाद के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपने ही घर में घिरे नजर आ रहे हैं. उनके ही सांसद ने उनसे इस्तीफे की मांग कर दी है. साथ ही असंतुष्ट लिबरल सांसद ग्रुप सामूहिक रूप से उन्हें हटाने के प्रयास कर रहे हैं. लंबे समय से लिबरल सांसद सीन केसी ने ट्रूडो की सार्वजनिक रूप से आलोचना की.
सीबीसी न्यूज नेटवर्क के पॉवर एंड पॉलिटिक्स पर डेविड कोक्रेन के साथ एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने मंगलवार (15 अक्टूबर) को स्पष्ट रूप से घोषणा की, "जो संदेश मैं जोर से और स्पष्ट रूप से दे रहा हूं और समय बीतने के साथ और भी अधिक मजबूत हो जाएगा, वह यह है कि [ट्रूडो] के जाने का समय आ गया है और मैं सहमत हूं."
‘वोटर्स नहीं सुन रहे ट्रूडो की बात’
उन्होंने ये भी कहा कि ट्रूडो को पद छोड़ देना चाहिए क्योंकि उन्होंने मतदाताओं से सुना है, "उन्होंने उन्हें (प्रधानमंत्री को) नजरअंदाज कर दिया है और चाहते हैं कि वे चले जाएं." उन्होंने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता ट्रूडो को “अनसुना” कर चुके हैं. उस बातचीत में उन्होंने कहा कि भले ही पिछले नौ सालों में ट्रूडो का काम वास्तव में परिवर्तनकारी रहा है, लेकिन “मतदाता अब उनकी बात नहीं सुन रहे हैं.”
शार्लोटटाउन ने यह भी कबूल किया कि उन्होंने जुलाई में एक निजी फोन कॉल के दौरान पीएम को मौजूदा स्थिति के बारे में पहले ही बता दिया था.
कई और सांसद भी कर रहे ट्रडो के इस्तीफे की मांग
केसी कथित तौर पर पहले सांसद हैं जिन्होंने सार्वजनिक रूप से कनाडा के प्रधानमंत्री से अगले चुनाव से पहले पद छोड़ने और लिबरल्स को लड़ने का मौका देने का आग्रह किया है. इससे पहले भी कई सांसदों ने उनके इस्तीफे की मांग की है लेकिन किसी ने इस तरह से सार्वजनिक रूप से नहीं कहा.
इंटरव्यू के दौरान, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें जून में टोरंटो-सेंट पॉल के उपचुनाव में हार के बाद पार्लियामेंट हिल में होने वाली बैठकों की एक सीरीज के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत रूप से उनमें भाग नहीं लिया था.