India China Clash On Arunachal: चीन में शी जिनपिंग की अगुवाई वाली सरकार अपने पड़ोसी देशों को परेशान करने में कोर-कसर नहीं छोड़ रही. एक ओर चीनी सरकार ताइवान पर कब्जे की फिराक में है, वहीं दूसरी ओर उसकी नीयत भारतीय राज्य अरुणाचल (Arunachal) पर भी खराब है. हाल में चीन (China) ने अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के गांव-कस्बों एवं कुछ अन्य स्थानों के नाम बदले हैं. उसका कहना है कि अरुणाचल तिब्बत (Tibet) का दक्षिणी हिस्सा है. चीन की इस करतूत पर रक्षा विशेषज्ञों और कई राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.


'बीजिंग का नाम बदलकर बीजापुर कर दिया जाए तो'


अमेरिकी प्रोफेसर व ग्लोबल स्ट्रेट्जी एक्सपर्ट मुक्तदर खान (Prof. Muqtedar Khan) ने चीन की हरकत का जवाब देने के लिए भारत सरकार को ऐसी सलाह दी है जिससे चीनी अपना माथा पीटने लगेंगे! मुक्तदर खान ने अभी एक ऑनलाइन प्रोग्राम में कहा कि भारत को बीजिंग का नाम बदलकर बीजापुर रखना चाहिए.


बता दें कि बीजिंग चीन की राजधानी है, और जिस तरह से चीन बार-बार भारतीय इलाकों के नाम अपनी भाषा में रख रहा है, उस पर मुक्तदर खान (Dr Muqtedar Khan) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. मुक्तदर खान की तरह कई भारतीय रक्षा विशेषज्ञों ने भी भारत सरकार को कुछ ऐसे कदम उठाने की सलाह दी है जिससे चीन को माकूल जवाब मिल सके.




भारत ने ईटानगर में कराई G-20 की कॉन्फ्रेंस, इससे बौखलाया ड्रैगन


चीन की हरकतों पर चिंता व्यक्त करते हुए मुक्तदर खान ने अरुणाचल प्रदेश में हुई हालिया गतिविधियों पर चर्चा की. यूट्यूब पर वो आलिया शाह के साथ मुखातिब थे, जहां खान ने कहा कि भारत ने अपने पूर्वोत्तर के राज्य अरुणाचल की राजधानी ईटानगर में G-20 की कॉन्फ्रेंस करवाई है, तो उसके रिटेलिएशन में चीन भी कुछ ऐसा करने लगा कि दुनिया का ध्यान उस ओर जाए, जिसमें वो कहता है कि अरुणाचल उसका पार्ट है.



जब भारत के आमंत्रण पर G-20 कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए कई देशों के प्रतिनिधि अरुणाचल पहुंचे तो चीन ने अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजा. वो इसलिए नहीं भेजा क्योंकि फिर दुनिया ये मानने लगती कि अरुणाचल पर चीन को कोई आपत्ति नहीं हुई.


चीन सोची-समझी साजिश के तहत कर रहा ऐसी हरकतें


ग्लोबल एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के स्थानों के नाम एक सोची-समझी साजिश के तहत बदल रहा है. उसे लगता है कि वो आने वाले 20-30 वर्षों में अरुणाचल पर कब्जा कर लेगा. और अपने दावे को मजबूत करने के लिए उसे यहां के गांव-शहरों के नाम अपनी भाषा में रखने होंगे, ताकि दुनिया ये मान ले कि ये तो चीन के इलाके हो सकते हैं. 


इसी साजिश के तहत चीन ने 2021 में भी अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों के नाम बदले थे. जिनमें से 8 रिहायशी इलाके थे, 4 पर्वत, 2 नदियां और एक पहाड़ों से निकलने वाला रास्ता था. अरुणाचल प्रदेश लगभग 90 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है.




कई सालों में तिब्बत पर भी जमा लिया था कब्जा


चीन ने 10 लाख वर्ग किमी में फैले तिब्बत पर माओ-हुकूमत की अगुवाई में लगभग 6 दशक पहले कब्जा कर लिया था. उसके बाद उसकी निगाहें भारतीय सीमा से सटे इलाकों पर पड़ीं. 1962 में चीन ने हमला कर भारत की हजारों वर्ग किमी जमीन हथिया ली थी, और अब वो अरुणाचल प्रदेश को भी हथियाना चाहता है. हालांकि, दुनिया जानती है कि चीन के ये ख्वाब पूरे नहीं हो सकते क्योंकि दोनों देश परमाणु ताकत हैं, साथ ही भारत अब सुपरपॉवर बनने की ओर अग्रसर है. मगर, चीन भारतीय सीमा पर हर साल कोई न कोई बड़ी हरकत करता रहता है और अरुणाचल को लेकर उसकी हालिया करतूत भी उसकी उस रणनीति का ही हिस्सा है जिससे भारत टेंशन में रहे.


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