NSA Ajit Doval Visit To China: भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा विवाद जारी है. इसको पूरी तरह से खत्म करने के लिए दोनों देशों ने पहल की है, जिसके चलते बीजिंग में एक अहम बैठक आयोजन किया जा रहा है. ये मीटिंग काफी मायनों में खास है, क्योंकि बीते 5 सालों में पहली बार पड़ोसी देश मिलकर अपने स्पेशल रिप्रजेंटेटिव्स के साथ बैठक में भाग लेने वाले हैं. इसमें भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल होंगे, जो अपनी टीम के साथ बीजिंग पहुंच चुके हैं.
 
बैठक का एजेंडा मु्ख्य रूप से सीमा विवाद ही होगा. इस पर देमचोक और देपसांग क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने और पेट्रोलिंग से जुड़े समझौतों की समीक्षा की जाएगी. इसके अलावा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर उल्लंघनों और सीमा पर कोऑर्डिनेटर पेट्रोलिंग पर चर्चा की जाएगी. भारत का जोर अप्रैल 2020  के स्टेटस को बहाल करना पर होगा.


अजीत डोभाल के दौरे पर चीन का रिएक्शन
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के चीन दौरे के बीच पड़ोसी मुल्क ने प्रतिक्रिया भी दी है. इस पर चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान आया है. उन्होंने कहा कि आपसी संबंधों को जल्द-से-जल्द सुधारने की दिशा में मिलकर काम करना है. चीन ने  एक दूसरे के हितों को सम्मान देने पर जोर दिया. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि हम भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है.


सीमा विवाद में भारत का सख्त रुख
पिछले चार वर्षों के दौरान भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडरों की 21 दौर की बैठकों के अलावा कई राजनयिक वार्ताएं हो चुकी हैं. भारत ने हर स्तर पर अपनी स्थिति को स्पष्ट और सख्त बनाए रखा. इस दौरान भारत ने चीन के किसी भी दबाव के आगे झुकने से इनकार किया और अपनी सैन्य गतिविधियों तथा बुनियादी ढांचे को बनाए रखा. इसके अलावा जी20, ब्रिक्स, एससीओ, और क्वाड जैसे मंचों पर भारत की बढ़ती भूमिका ने चीन पर दबाव बढ़ाने का काम किया. 


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