India China Border Talks: भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में एक अहम कदम उठा रहे हैं. इसी क्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच दिसंबर के अंत में विशेष प्रतिनिधि (SR) वार्ता होने वाली है. यह वार्ता गलवान घाटी में 2020 की झड़प के बाद पहली उच्च-स्तरीय चर्चा होगी. इससे पहले की SR बैठक दिसंबर 2019 में हुई थी, जो विवाद के बढ़ने से पहले की स्थिति थी.
हाल ही में देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में हुई सेनाओं की वापसी से वार्ता को लेकर सकारात्मक संकेत मिले हैं. माना जा रहा है कि ये वार्ता सीमा विवाद के व्यापक समाधान की दिशा में एक नया मार्ग प्रशस्त कर सकती है.
सीमा को स्पष्ट करने पर होगी चर्चा
इंंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वार्ता के दौरान कई स्तरीय चर्चाएं होंगी, जिनका मकसद वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को साफ तौर से परिभाषित करना और इसे स्थायी रूप से सुलझाने का प्रयास करना होगा. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक के नतीजे से यह तय होगा कि अगली कोर कमांडर स्तर की बैठक कब होगी. यह बैठक पेट्रोलिंग और बफर जोन जैसे परिचालन मुद्दों पर केंद्रित होगी, ताकि भविष्य में टकराव से बचा जा सके.
तनाव कम करने के लिए लगातार प्रयास
भारत और चीन ने 2020 के बाद से सीमा पर तनाव कम करने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई प्रयास किए हैं. आगामी वार्ता दोनों देशों के लिए मतभेदों को दूर करने, आपसी विश्वास बढ़ाने और सीमा विवाद के प्रबंधन के लिए एक स्थायी ढांचा स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है.
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