बीजिंग: भारत-चीन के बीच तनातनी जारी है. सीमा पर दोनों तरफ बड़ी संख्या में जवान तैनात हैं. इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा विकासशील देश है. वह शांतिपूर्ण, खुलेपन और सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है. हम कभी भी नेतृत्व, विस्तारवाद या प्रभावित करने की मांग नहीं करेंगे.


चीन हमेशा से विस्तारवाद की नीति पर काम करता रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब लद्दाख के दौरे पर गए उस दौरान भी उन्होंने साफ-साफ शब्दों में चीन को संदेश दिया कि उसे विस्तारवादी नीति छोड़ना होगा.


संयुक्त राष्ट्र में शी जिनपिंग ने कहा कि हमारी नीयत किसी भी देश से ना ही शीत युद्ध लड़ने की है ना ही युद्ध लड़ने की. उन्होंने कहा, ''हम मतभेदों को कम करने और विवादों को बातचीत के जरिए हल करते रहेंगे.''


चीन-भारत सैन्य वार्ता का छठा दौर 14 घंटे चला
भारत और चीन के बीच 14 घंटे चली छठे दौर की सैन्य वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित टकराव बिंदुओं के पास तनाव कम करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया.


अधिकारी ने कहा कि इस मैराथन वार्ता का परिणाम सोमवार को तत्काल पता नहीं चला है, लेकिन ऐसा समझा जाता है कि दोनों पक्षों ने वार्ता आगे बढ़ाने के लिए फिर से बैठक करने पर सहमति जताई है.


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