नई दिल्ली: रूस ने मंगलवार को उम्मीद जतायी कि भारत और चीन बातचीत के जरिये सीमा विवाद सुलझा लेंगे. साथ ही उसने दोनों देशों की रजामंदी के बिना मध्यस्थता कराने की बात से भी इनकार कर दिया. भारत में रूसी दूतावास के उप प्रमुख रोमन बबुश्किन ने कहा कि उनकी सरकार बातचीत के जरिये पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होते देखना चाहती है.


भारत और चीन बातचीत के जरिये सीमा विवाद सुलझा लेंगे


बबुश्किन ने ऑनलाइन बातचीत में कहा, ''हमें उम्मीद है कि भारत और चीन बातचीत के जरिये सीमा विवाद सुलझा लेंगे. उन्होंने यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच ताजा झड़प के बाद बढ़े तनाव के एक दिन बाद की है.''


चार दिवसीय रूस दौरे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर


विदेश मंत्री एस जयशंकर आठ देशों के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिये मंगलवार को चार दिवसीय रूस दौरे पर गए हैं.
इस दौरान वह बृहस्पतिवार को बैठक से इतर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात कर सकते हैं.


बबुश्किन ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में रूस द्वारा मध्यस्थ की भूमिका निभाने की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि जब तक दोनों देश नहीं चाहते तब तक ऐसा नहीं हो सकता.


उन्होंने कहा, ''हम दोनों देशों के बीच विवादों के समाधान की प्रक्रिया में शामिल नहीं है. हम इसके लिये सकारात्मक माहौल बनाने पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं.''


भारत और चीन के बीच‌ तनावपूर्ण बने हुए हैं हालात
भारत और चीन के बीच‌ हालात कितने तनावपूर्ण बन गए हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 45 साल बाद एलएसी पर फायरिंग की घटना सामने आई है. भारतीय सेना के मुताबिक, सोमवार शाम को चीनी सेना ने भारत की एक फॉरवर्ड पोजिशन के करीब आने की‌ कोशिश की और डराने के इरादे से हवाई फायरिंग की.‌ लेकिन चीन ने उल्टा भारत पर ही वार्निंग-शॉट्स फायर करने का आरोप लगा डाला. फायरिंग के बाद से ही रेजांगला के करीब मुखपरी हिल पर चीनी सैनिक भाले और दूसरे हथियार लेकर भारतीय सेना से कुछ मीटर की दूरी पर जमे हुए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच 'स्टैंडऑफ' की स्थिति बनी हुई है.


हर बार चीन को कोशिशों को नाकाम कर देती है भारतीय सेना
पिछले चार महीने से पूर्वी लद्दाख ‌से‌ सटी 826 किलोमीटर लंबी एलएसी पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है. यहां तक की गलवान घाटी में हिंसक झड़प भी हो चुकी है. लेकिन 29-30 अगस्त को पैंगोंग त्सो के दक्षिण में हैनान कोस्ट से‌ रेचिन ला तक के करीब 60 किलोमीटर की एलएसी पर भारत ने उंचे पहाड़ों और दर्रों को अपने अधिकार-क्षेत्र में कर लिया है. इसके बाद से ही चीनी सेना तिलमिलाई हुई है और लगातार घुसपैठ करने की कोशिश कर रही है. लेकिन हरबार भारतीय सेना चीन की इन कोशिशों को नाकाम कर देती है.


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