भारत-चीन तनाव पर अमेरिका का बड़ा बयान, कहा- दुनिया को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है चीन
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले पर एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी. भारत चीन तनाव के मद्देनजर चौकसी भी बढ़ा दी गई है.
नई दिल्ली: भारत चीन तनाव पर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने बड़ा बयान दिया है. पॉम्पियो ने कहा कि चीन दुनिया को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि चीनी हमले में भारतीय सैनिकों की शहादत पर हमें दुख है, हम भारत के साथ खड़े हैं. अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने भी कल कहा था कि भारतीय सीमा समेत कई मोर्चों पर चीन द्वारा की जा रही हरकतों से ऐसा लगता है कि वो फायदा उठाने की कोशिश में है. उन्होंने कहा कि बीजिंग का यह मानना है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण विश्व का ध्यान भटका है और वह उसका फायदा उठा सकता है.
पूर्वी एशियाई एंव प्रशांत मामलों के लिए सहायक विदेश मंत्री डेविड स्टिलवेल ने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का प्रशासन भारत-चीन की स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है.
स्टिलवेल ने कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए पत्रकारों से कहा कि चीन की भारत में हालिया कार्रवाई उसकी डोकलाम सहित भारतीय सीमा पर पहले की गई गतिविधियों की तरह ही है.
बीजिंग को ऐसा लगता है कि अभी दुनिया का ध्यान भटका हुआ है
स्टिलवेल ने कहा, ‘‘ कई मोर्चों पर चीन द्वारा ऐसा करने के पीछे वजह यह हो सकती है कि बीजिंग को ऐसा लगता है कि अभी दुनिया का ध्यान भटका हुआ है और वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से उबर रही दुनिया का पूरा ध्यान लोगों की जान बचाने पर है, इस मौके को उसने फायदा उठाने के एक अवसर के तौर पर देखा होगा.’’
चीन के भारत सहित अपने पड़ोसी देशों के साथ आक्रामक रवैया अपनाने पर किए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस पर सरकार का आधिकारिक रुख स्पष्ट नहीं कर रहा हूं लेकिन सार्वजनिक तौर पर उसके द्वारा ऐसा करने के कई स्पष्टीकरण मौजूद हैं.’’
स्टिलवेल ने कहा, ‘‘ हम जाहिर तौर पर भारत-चीन सीमा विवाद पर करीबी नजर रख रहे हैं.’’
द्विपक्षीय संबंधों और कोरोना वायरस महामारी पर विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और शीर्ष चीनी राजनयिक यांग जिएची के बीच हवाई में बैठक के बाद कॉन्फ्रेंस कॉल में उन्होंने यह बयान दिया.
अमेरिकी दूतावास ने भी शोक जताया अमेरिकी दूतावास ने पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत पर शुक्रवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि उनकी वीरता को भुलाया नहीं जा सकेगा. यहां फ्रांस के राजदूत, एमैनुएल लेनिन ने भी सैनिकों की शहादत पर शोक प्रकट किया.
लेनिन ने ट्वीट किया, “भारत के लोगों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना है और पिछले कुछ दिनों में कर्तव्य निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों के शोकसंतप्त परिवारों के प्रति हमारी सहानुभूति है.”
गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में एक कर्नल समेत 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. पिछले पांच दशक में यह सबसे बड़ा सैन्य संघर्ष है जिसने क्षेत्र में पहले से जारी अस्थिर सीमा गतिरोध को और बढ़ा दिया है.
भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर ने ट्वीट किया, ‘‘भारत में अमेरिकी दूतावास उन सैनिकों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है जिन्होंने गलवान में प्राण न्योछावर किए. उनकी वीरता और साहस को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.’’
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