गरीबी और भुखमरी से निपटने के उद्देश्य से स्थापित किए गए एक कोष में भारत ने दस लाख अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया है. इस कोष को भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका द्वारा स्थापित किया गया है. संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत रुचिरा कंबोज ने गरीबी और भुखमरी उन्मूलन कोष (IBSA Fund) के लिए योगदान के रूप में सोमवार (19 फरवरी, 2024) को संयुक्त राष्ट्र दक्षिण-दक्षिण सहयोग कार्यालय (UNOSSC) के निदेशक दिमा अल-खतीब को 10 लाख अमेरिकी डॉलर का चेक सौंपा.
इस अवसर पर कंबोज ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में जनता का, जनता द्वारा और जनता के लिए विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया था. उन्होंने कहा, 'इसीलिए भारत आईबीएसए कोष का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारा मानना है कि इसके जरिए ग्लोबल साउथ में लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर पड़ा है और सहयोग की भावना मजबूत हुई है.'
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि आईबीएसए (भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका) में शामिल हर देश विकासशील देशों में परिवर्तनकारी परियोजनाओं के लिए साझेदारी और समर्थन की भावना के साथ कोष में सालाना 10 लाख डॉलर का योगदान देते हैं. इस कोष की स्थापना 2004 में की गई थी और इसका संचालन 2006 से शुरू हुआ. तब से लेकर अब तक आईबीएसए कोष में भारत की ओर से कुल मिलाकर 1.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक का योगदान दिया जा चुका है.
क्या है IBSA
आईबीएसए दक्षिण-दक्षिण सहयोग और आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के बीच एक त्रिपक्षीय विकासात्मक पहल है. 6 जून, 2003 को ब्रासीलिया डिक्लरेशन के दौरान तीनों देशों के विदेश मंत्रियों ने इस समूह को औपचारिक रूप दिया और इसका नाम आईबीएसए फोरम रखा. साल 2004 में आईबीएसए फंड बनाया गया. यह समूह भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में गरीबी और भुखमरी के निवारण के लिए काम करता है. आईबीएसए फंड के जरिए इन देशों के विकासात्मक प्रोजेक्ट्स पर काम किया जाता है. इसके फंड को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी UNOSSC के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा की जाती है.
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