Reforms in UNSC: संयुक्त राष्ट्र के गठन के बाद से दुनिया ने कितने बदलावों को देख लिया, लेकिन बीते 80 सालों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कोई बदलाव नहीं हुआ. इस साल सितंबर महीने में होने वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ सुधार हो सकते हैं. भारत समेत जी4 देशों ने संयुक्त राष्ट्र में बड़े सुधारों की मांग की है, जिसपर पाकिस्तान आपत्ति जता रहा है. चीन भी पाकिस्तान का पीछे से सहयोग कर रहा है.
दरअसल, मौजूदा समय में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन स्थायी सदस्य हैं. पश्चिम एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण एशिया समेत दुनिया के कई ऐसे अहम इलाके हैं, जिनका इस संगठन में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. सियरा लियोन के राष्ट्रपति जूलियस मादा बायो एक बार फिर से अफ्रीका को लेकर आवाज उठाई है, उन्होंने UNSC में अफ्रीका के लिए दो स्थायी सदस्यता की मांग की है. इसके अलावा भारत भी संगठन में पारदर्शी तरीके से सुधार की मांग की है.
भारत ने लिखित बातचीत का उठाया मुद्दा
संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा है कि लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों का समाधान करने के लिए लिखित बातचीत हो. भारत ने लगातार लिखित बातचीत पर जोर दिया है, ताकि इस दिशा में ठोस प्रगति हो सके. भारतीय प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा है कि बिना लिखित बातचीत के कोई भी ठोस प्रगति नहीं होगी, ऐसे में सुधारों की प्रक्रिया बेकार साबित होगी. इस बार संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस भी सुधारों को लेकर काफी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं.
UNSC में किन सुधारों की वकालत कर रहा है भारत?
UNSC में सुधारों की चर्चा फरवरी 2009 से चल रही है. इसमें 5 क्लस्टर बनाए गए थे, जिसमें मेंबरशिप की कैटेगरी, वीटो पावर, क्षेत्रीय प्रतिनधित्व, सुरक्षा परिषद में नए सदस्य आदि विषय शामिल हैं. जर्मनी, ब्राजील और जापान के साथ मिलकर भारत ने जी 4 ग्रुप बनाया है. ये देश चाहते हैं कि UNSC में 6 अतिरिक्त स्थायी सदस्य और 4 अस्थायी सदस्य शामिल किए जाएं.
दूसरी तरफ पाकिस्तान ने इटली के साथ मिलकर UFC ग्रुप बनाया है. चीन भी पर्दे के पीछे से पाकिस्तान को सहयोग कर रहा है. UFC ग्रुप अतिरिक्त स्थायी सदस्य संख्या बढ़ाने का कड़ा विरोध कर रहा है.
UNSC में सुधार को लेकर क्या चाहता है पाकिस्तान?
पाकिस्तानी ग्रुप ने अस्थायी सदस्य देशों की एक नई कैटेगरी बनाने प्रस्ताव दिया है, जो लंबे समय तक सदस्य रह सकें और दोबारा से उनको चुने जाने का विकल्प रहे. अभी तक अस्थायी सदस्य केवल 2 वर्षों के लिए चुने जाते हैं. पाकिस्तान ने भारत के लिखित बातचीत के मुद्दे का भी विरोध किया है. पाकिस्तान ने कहा कि 5 क्लस्टर पर सहमति नहीं है, ऐसे में लिखित बातचीत नहीं हो सकती है. इसके साथ ही डेडलाइन नहीं तय करने की पाकिस्तान ने मांग की है.
जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान और चीन नहीं चाहते हैं कि एशिया का कोई देश इस महत्वपूर्ण संगठन में स्थायी सदस्य बने. इसी वजह से सुधारों को टालने की कोशिश की जा रही है.
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