हिंद महासागर में चीन और पाकिस्तान की बढ़ती गतिविधियों पर भारत की कड़ी नजर है. दोनों देशों को अंडर वॉटर करारी शिकस्त देने के लिए भारतीय सेना 500 किमी रेंज वाली सबमरीन-लॉन्चड क्रूज मिसाइल (SLCM) का परीक्षण करने वाली है. हवा और जमीन के साथ समंदर में भी चीन और पाकिस्तान के मनसूबों को शिकस्त देने के लिए भारत अपनी ताकत बढ़ा रहा है. इसके तहत चीन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के PLARF की तरह अपनी भारतीय सेना रॉकेट फोर्स तैयार कर रही है और एसएलसीएम मिसाइल भी इसी का हिस्सा है.
16 फरवरी को भारतीय नौसेना ने घोषणा की थी कि वह जल्द ही 500 किमी रेंज वाली सबमरीन-लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल का परीक्षण करेगी. एक साल पहले फरवरी में ही मिसाइल का ट्रायल लिया गया था, तब इसने 402 किमी की रेंज हासिल की थी. इन मिसाइलों को प्रोजेक्ट 75I के तहत पनडुब्बियों पर तैनात किया जाएगा.
चीन के पांच शहर हो सकते हैं तबाह
यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एसएलसीएम की 500 किमी रेंज मिसाइल का परीक्षण किया जाना है और 402 किमी की रेंज इसने पहले परीक्षण में हासिल की थी. हालांकि, भारतीय सेना का प्लान इसकी रेंज 800 किमी तक बढ़ाने का है. इस तरह यह मिसाइल चीन के पांच शहरों पर हमला कर सकेगी. इनमें शंघाई, हांग्जो, वानजाउ, एफ यू जो और शियोमेन शामिल हैं. एसएलसीएम के दो वैरिएंट हैं. जमीन पर हमले के लिए लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LACM) और नौसैनिक पोतों को निशाना बनाने के लिए एंटी-शिप क्रूज मिसाइल (ASCM) हैं.
क्या है चीन का PLARF?
चीनी सेना के पास पीएलए रॉकेट फोर्स (PLARF) है, जो बीजिंग की लैंड बैलिस्टिक मिसाइलों के शस्त्रागार को नियंत्रित करता है. PLARF के पास 40 ब्रिगेड़ हैं. उधर, भारत भी ऐसा ही रॉकेट फोर्स बना रहा है. रॉकेट फोर्स बनाने का प्लान पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने दिया था. इसके तहत शॉर्ट और मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों को शामिल किया जा रहा है. साथ ही लंबी दूरी की जमीन पर हमला करने वाली क्रूज मिसाइल भी तैयार की जा रही है. यह 1500 किमी रेंज की मिसाइल होगी. देश की कंपनियों लारसेन एंड टर्बो, गोदरेज, समीर और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इसके लिए पार्टनरशिप की है.
पाकिस्तान ने किया बाबर II का परीक्षण
पाकिस्तान ने साल 2017 में हिंद महासागर में बाबर III सबमरीन लॉन्च्ड मिसाइल का परीक्षण किया था. यह 450 किलोमीटर रेंज की मिसाइल है. यह 450 किलोग्राम भार के हथियार ले जा सकती है. वहीं, चीन की बात करें तो इसके पास 8 बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां, 13 परमाणु न्यूक्लियर अटैक सबमनरीन और 55 डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन हैं. भारत की सबमरीन क्षमता इससे बेहद कम है. चीनी नौसेना न सिर्फ अपने बेड़े में पनडुब्बियां शामिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, बल्कि पाकिस्तान को भी अत्याधुनिक तकनीक से लैस कर रही है.
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