Indian on Afghanistan Situations: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान की बिगड़ती स्थिति पर शुक्रवार को चिंता जताते हुए इसे पूरे क्षेत्र के लिए बड़ा खतरा करार दिया. यूएन में भारत के राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने कहा कि जहां तक भारत की बात है तो हम यह सुनिश्चित करने के लिए अफगानिस्तान के साथ खड़े रहेंगे कि एक वैध और पारदर्शी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से शांति और स्थिरता बहाल हो, जो अफगानिस्तान और क्षेत्र की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए आवश्यक है.
भारत की अध्यक्षता में अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ब्रीफिंग के टीएस तिरूमूर्ति ने कहा कि हम एक शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और समृद्ध भविष्य, आतंक से मुक्त, ऐसा अफगान समाज जहां सभी वर्गों के अधिकारों और हितों को बढ़ावा और संरक्षित किया जाता हो, उसके लिए उनकी आकांक्षाओं को साकार करने में अफगानिस्तान को हर संभव सहायता सहायता करना जारी रखेंगे.
टीएस तिरूमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति लाने के लिए क्षेत्र में बने आतंकवाद के सुरक्षित पनाहगार को फौरन खत्म किया जाना चाहिए और आतंकियों को भेजे जाने की चेन को तोड़ा जाना चाहिए. इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किए जाने की भी आवश्यकता भी है कि अफगानस्तान के पड़ोसियों और क्षेत्र को आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरवाद की तरफ से न धमकाया जा रहा हो.
टीएस तिरूमूर्ति ने आगे कहा कि अफगानिस्तान के पड़ोसी होने के नाते हम वहां के हालात को लेकर बहुत ही चिंतित है, तालिबान हर किसी को निशाना बना रहा है. अल्पसंख्यक, छात्राओं, अहम पदों पर बैठी महिलाओं, अफगान सुरक्षाबल और पत्रकार सभी को. वहां कवरेज के दौरान एक भारतीय पत्रकार की भी हत्या कर दी गई.
यूएन में भारतीय राजदूत ने कहा कि सभी तरह के आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की जरूरत है. यह सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि अफगानिस्तान का उपयोग आतंकवादी समूहों द्वारा किसी अन्य देश को धमकाने या हमला करने के लिए नहीं किया जाता हो. उन्होंने कहा कि जो भी आतंकवादियों को वित्तीय और अन्य चीजें मुहैया करा रहे हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए. हमें एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के तौर पर जरूर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान के विभिन्न संस्थानों सहित हमारी उनको लेकर प्रतिबद्धता बनाए रखा जाए.
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